तुम नही थे
कहते थे, उस से हम की काश
कोई तो होता तुमसा भी
जो हाथ थामें बेठता हमारा भी
चाँद ने बरसो की मुराद को पूरा किया
अपना एक टुकड़ा मुझे भेज के
मानो वो चाँद उतर आया धरती पर
मेरे जीवन के ख़ालीपन को
अपने ताउम्र प्यार को भरने से
वो मै और हम
✍🏻सुनील टाँक-
Writer, Actor, Director
Theatre and Films
9829112193
Udaipur Rajasthan