हमारी जिन्दगी से जुड़े सबसे सस्ते लोग
इस महंगे शब्द के वास्तविक अर्थ को
महसूस करवाते हैं।-
विचारों के सैर सपाटे में सुकून! समाया हुआ है। जो उभरकर शब्दों के रूप में, रूह को सुकून दिलाते हैं।
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मैं शोर हैं मचा, नृत्य करते रहते हैं
अनगिनत विचार
ओर उन्हीं विचारों मैं दबे हुए हैं
इंसान के मायूस से
जज़्बात। कहीं घाव हैं गहरे
जो भरते नहीं दिलासा
से। कहीं मौन सन्नाटा पसरा पड़ा है
अचरज में अंतर्मन की गहराई में।-
तेरी मोहब्बत की आरज़ू ने दिल को बैचेन कर दिया
ना रख गिला शिकवा मेरी रजा से मेरे मन के मीत
हमने तुझे आँखों मैं बसा कर दिल में सजाया है।
आजमाना हैं तेरे इश्क़ के सागर को सुकून से
ढाई आखर प्रेम के तेरे लबों से चूम कर अमर करना है।-
जज़्बात कब कहा मरा करते हैं,
कभी इस ओर तो कभी उस ओर
जो कद्र करें इन जज़्बातों की
वहीं तो sahi में इंसान हैं-
तुम ठहर ही जाना उसके मन मस्तिक़
और दिल कि देहलीज पर।
इश्क़ मौन मदमस्त होकर तुम्हारे
होठों पर खिलने वाला हैं।-
मुलाकात मौन हो रही, जज़्बात जाग रहे।
तुम बांहे फैलाकर स्वागत करो इश्क़ का,
गमों से नाता तोड़ने आ रहा हैं तुम्हारे जेहन में ।-
विरासत में सिर्फ़ ज़मीन मिल सकती है,
आसमान अपने हिस्से का खुद बनाना पड़ता है।-