Sunil Pareek G   (सुनील कुमार पारीक 'शनि')
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Joined 29 March 2018


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23 APR 2020 AT 11:00

पुस्तक सहचरी पथप्रदर्शिनी ज्ञानदायी है।
वाल्मीकि श्रीव्यास तुलसी ने संस्कृति गाई है।
पुस्तक जिसकी बन जाए 'शनि' जीवन साथी ,
सफलता खुद उस यशस्वी तक चलकर आई है।।

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12 APR 2020 AT 6:50

बैशाखी प्रभातीय प्रणाम

कदम कदम पर जिन्दगी का अभी भी इम्तिहान जारी है.
दिल- ए-सुरभि का अपनी जिन्दगी तक सिमटना जारी है.
अभी भी संभल 'शनि' गृहस्वर्ग में मानवता घालक विषाणु से,
जीवन दाता संग जीने की मनु ह्रदय समक्ष चुनौती भारी है!!

।।सुनील पारीक 'शनि'।।

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27 MAR 2020 AT 19:16

हर कोशिश में हर किसी ने की इतनी कोशिश कि
यही कोशिश कोरोना के विरूद्ध एक कोशिश बन गई।।
#घर में रहें, सुरक्षित रहें।।

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27 MAR 2020 AT 10:57

कोरोना का घुड़ला मिटैला ही, आओ मनावाँ गणगौर।
ढोकळा शक्कर घी अरौगो, है हिय माँय खुशी ने ठौर।
थे म्हे सब हिय रो हींडो हींड बढता रैवाँ रोज 'शनि' आगै,
मन की 'सुरभि' फैल री तन में, खुशी मनाओ आज पुरजोर।।

गणगौर पर्व री शुभकामनावाँ और भगवान ईशर गौराँ री कृपा आप और पुरे परिवार पर बणी रैवे।

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22 MAR 2020 AT 9:31

सबसे दूर जी मेरे साथी,अपने उस रब का हो जाना।
कोई किसी का नहीं 'शनि',इधर उधर है सिर्फ कोरोना।।

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20 MAR 2020 AT 11:31

ध्यान देना तुम भी उन पर ,
जो हर पल याद किया करते हैं।
बिसर गए हो 'शनि' तुम शायद,
पर हम तुम्हें भूलने से डरते हैं।
जीवन की यादों की बुनियाद हो तुम,
रबा!दिल से हर पल हम सलाम करते हैं।।

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17 MAR 2020 AT 11:46

तेरी रूह तक पहुँचा हूँ मैं, दिल के रास्ते 🌹
पुनम का चाँद है,तेरे मेरे उजाले के वास्ते🌹
तकरीरें बहस नहीं हमारे जीवन में बुलेशाह🌹
जीवन में बढेंगे आगे, तुम्हें 'शनि' का नमस्ते🌹

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14 MAR 2020 AT 14:25

जीने की राह में हम, बस अब जीया करेंगे।
जैसा हमसे सलूक ,वैसा तुमसे किया करेंगे।
उसूल नेकी के दरिया बैजाँ बहाए यारा 'शनि',
अब रिश्तों में इस नई मिठास को हम पीया करेंगे।।

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13 MAR 2020 AT 14:41

वफा़ रहना मेरे संग, प्रीत जो लगाई है।
तुम हो मेरी प्रीति, ये पल पल हुई नई है।
तकदीर की तरह बदलना मत बुलेशाह,
जिन्दा हो तब तक मुझसे प्रीत सही है।।
वफ़ा - वचनपालना ,निष्ठा

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13 MAR 2020 AT 0:14

अधुरी बातें एक दिन जरूर करामातें बन कर रहेंगी।
उस किनारे के किनारे पर वो दिल का दौलत बनेगी।
विश्वास रखो बुलेशाह 'शनि' की हर नाजु़क अदा पर,
दीवानगी के इस आलम में मस्ती की ही सुरभि फैलेगी।।

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