तुम जब भी आना .....
कुछ "वक़्त" भी लेते आना ।-
चिंता करना किसी समस्या का समाधान नहीं
और ना ही उसे हंस कर टाल देना ,
इसका एक मात्र उपाय है ईश्वर और स्वयं पर भरोसा करना
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ये बेमौसम बारिश
ये तुफां, ये आंधियां
क्यूँ कहर ढा रहे हो
अपनों से रूठे हो
या अपना हाल बता रहे हो....
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खामखाँ बदनाम ना करो बारिश को
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इश्क तो पतझड़ में भी हुआ करते हैं। ।-
मां तुम ही भगवान हो
हर परिवार की तुम शान हो
स्त्री जाति का अभिमान हो
वो रब भी झुकता होगा सजदे में
मां तुम ही भगवान हो
प्रेम की तुम परिभाषा हो
तुम त्याग तुम ही बलिदान हो
मंदिर मस्जिद मैं क्यों जाऊं
मां तुम ही भगवान हो
तुम ही वेद , तुम ही बाइबल
तुम ही गीता और कुरान हो
हर ग्रंथ अधूरे हैं तुम बिन
मां तुम ही भगवान हो। ।-
"मुश्किलें" आना जीवन का एक अभिन्न अंग है
और उनका हंसकर सामना करना एक "कला" है
तो मुश्किल समय में हिम्मत न हारें
"कलाकार" बनें ।।-
न ऊंचा कद , न बड़ी ख़्वाहिशें
छोटी सी उम्र ,
और जिम्मेदारियां बड़ी रखते हैं। ।-
जुदा तो तुम हुए हो मुझसे ,
मैं तो अभी भी तुम्हारा हूं
जुदा तो मैं तब होउंगा
जब मेरी अर्थी उठेगी ,
मैं चार कांधों पर सवार रहूंगा
शायद तुम्हे इसकी खबर भी ना होगी ,
पर तुम्हे अहसास जरूर होगा
मेरे प्रेम का !
वह प्रेम जो केवल तुम्हारा था
पर तुम्हे स्वीकार न था ,
तब तुम क्या करोगी ?
भागोगे मेरी ओर ?
पर क्या फायदा!
अब बहुत देर हो चुकी होगी
मेरी अर्थी उठ चुकी होगी ,
मैं जलकर राख हो जाऊंगा
तब तुम माफी किससे मांगोगी ?
हड्डियों के बचे खुचे टुकड़ों से ,
या मेरी आत्मा से जो तुम्हे तो देख रही होगी
पर तुम नहीं !
तब तुम केवल पछताओगे ,
यह सोंचकर कि तुमने किसे खोया ...
ऐसा कुछ दिन ही चलेगा ,
अब तुम मेरी यादों के साथ किसी और की हो जाओगी
पर मैं अब भी तुम्हारा ही रहूंगा ,
क्योंकि मेरा शरीर तो मर चुका होगा
पर आत्मा और प्रेम सदा जीवित रहेगा। ।
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