परिंदे को परिंदा रहने दे
पिंजरे में ना कैद कर
एक उड़ना भर तो आता है
ये फन भी छिनेगा क्या-
जिस दिन... खुद को खुद में देख लोगे
दावा करता हूं शीशा देखना छोड़ दोगे
-
रुके रुके से रहते हो घर में
ये मुझसे कमरा बोल पड़ा
क्या बात है जो तुम ठहर गए हो
या दुनियां से ऊब गए हो
कुछ बोलो क्यूं ख़ामोश पड़े हो
ये मुझसे कमरा बोल पड़ा
रुक जाओ तुम आराम करो
सुकून भरी कुछ सांस भरो
जो तुमको आराम मिलेगा
मुझको भी आराम मिलेगा
जी चाहे उतना आराम करो
ये कमरा बोल पड़ा
थोड़ा मैंने आराम सा कर के
कमरे को बोला आह भर के
छा गई माहामारी अब हर घर
बस तुझ कर के ही बचा हुआ हूं
-
रिश्तों की कीमत अब मत लगाओ
कोई अब शहर में जिंदा ही कहां है
बहुत से शारिकों ने खा लिए और
कुछ बचे इस महामारी ने खा लिए
शमशानों में भी अब कतारें लगी है
राहें भी अब सारी वीरानी पड़ी है
सदाऐं जो देता हूं मैं कभी इन हवाओं में
खुद की ही आवाज़ बस लौट आती है
बेशकीमती है रिश्ते बेशकीमती ही रहने दो
जनाब इन रिश्तों की बस कीमत मत लगाओ-
Jindgi bhle hi kisi ki kuchh pal ki ho
Bs moka lge to Krna u ki use bcha lena-
Kaise Tum dil mila paoge
Kaise Tum dil lga paoge
Umr ka hisab jo rakhte ho
Rishta kya nibha paoge tum-
Ye bhi Ek rang
Usko mera uu udas rahna gwara nahi tha kbhi
Aaj usi ko ab mai bhi bilkul hi gwara nahi-
Aajkal Alfaaz mere shayarana se Hain
Lgta hai Dil se koi khilwad ho rha hai-