रुके रुके से रहते हो घर में
ये मुझसे कमरा बोल पड़ा
क्या बात है जो तुम ठहर गए हो
या दुनियां से ऊब गए हो
कुछ बोलो क्यूं ख़ामोश पड़े हो
ये मुझसे कमरा बोल पड़ा
रुक जाओ तुम आराम करो
सुकून भरी कुछ सांस भरो
जो तुमको आराम मिलेगा
मुझको भी आराम मिलेगा
जी चाहे उतना आराम करो
ये कमरा बोल पड़ा
थोड़ा मैंने आराम सा कर के
कमरे को बोला आह भर के
छा गई माहामारी अब हर घर
बस तुझ कर के ही बचा हुआ हूं
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