Sunil dakh   (Sunil dakh jain)
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Joined 15 May 2018


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Joined 15 May 2018
YESTERDAY AT 8:48

तन्हा रात और फिर बात रात की।
तन्हा तन्हा में बैठा रात ले राज को।
रात की खामोशी में बाते करता हु।
पूछता हु खामोश मन से उसको ।
वो एहसास करती होगी कभी ।
मे उससे पूछता रहती हमेशा।
दिल की दास्तान को महसूस करती।
दिलो की धड़कन को महसूस करके।

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25 APR AT 7:30

दिल की कहानी एक रूहानी।
अश्कों से डूबी एक जुबानी।
अश्क से डूबी एक कहानी।
मेरे सपनो की वो एक परी।
जिसकी मुस्कान थी जिंदगी।
उसको सिर्फ छिप कर देखता।
कह न सका दिल की आरजू।
कहानी हो गई टूटे दिल की।
चली गई वो नई मंजिल को।
अंधविश्वास को मान कही।
बेबस मन मेरा न विरोध कोई।
फेसला जिंदगी का निजी उसका।
छुपा था दिल में राज कोई।
दफन हो गया दिल में राज।
खुशियों से भरा हो दामन तेरा।
रब से यही एक दुवा है रोज।
गम तेरे तेरी बला हिस्से हो मेरे।
बस आंसू से भरी रही जिंदगी मेरी।
किसी को प्यार किया गुनाह न किया।
बस यह कहानी एक रह गई अधूरी।

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25 APR AT 7:12

वो दिन जब वो हो गए अजनबी।
हार गया दिल आंसू से भीगी रात।
रात थी तन्हाई की रुसवाई भरी।
पाने की हसरत न होगी कभी पूरी।
जीने की तमन्ना उस रात न रही।
थाम जज्बात आज तक जिया।
खामोशी और और टूटे सपनो में।
दिल में एक कमी और अधूरी चाहत।
टूटे हुए दिल की दास्तान अनकही।
हार गया दिल हर रात भीगी यादों से

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25 APR AT 7:01

दिल का फसाना





दिल पर

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23 APR AT 19:16

जान भी दे देते।







जिंदगी भी भुला देते

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22 APR AT 20:35

Miss u





Hate u

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22 APR AT 20:26

समझा समझा कर समझ में पाता।
काश जीवन की उहपोह समझपाता।
जिंदगी का दस्तूर में समझ कर समझता।
दिल में जो था उसको में समझापाता।
समझा कर दिल को बेबस कर रखा।
जिंदगी सामने से निकली खुद समझा।
अफसोस उस जिंदगी को समझाता।
शायद इजहार करना खुद समझ ।
इनकार चाहे मिलता दिल को समझाता

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22 APR AT 19:57

दिन बीते वर्ष बीते दशक है बीते।
यादों की एक तस्वीर बसी न बीते।
धुंधली सी धुंध जेसी तस्वीर है दिखे।
दिल में वो हरदम वो यादों में दिखे।
भूल न सकता कभी कोई जो है यादें।
बन न सकी वो जीवन की कड़वी है यादें।
बदनसीबी का यह आलम रह गई बस यादें।
जो सिर्फ मौत के साथ जीवन भर रहे यादें।
मत हो हकीकत वो जिंदा हमेशा रहेगी यादें।
भूल न सकने की वो दिल में बसी है यादें।

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22 APR AT 19:48

धरती की सुंदरता धरती की शोभा।
छटा बिखेर रही सुंदर सी शोभा।
लगती जैसे सुहागन की शोभा।
निर्दयी उजाड़ रहे इसकी शोभा।
धरती की धड़कन पौधे है शोभा।
पहाड़ है धरती की यह शोभा।
सुन्दर सी यह धरती की शोभा।

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21 APR AT 8:22

तुम दिलासा मुझको दिलाते हर बार।
दिल की हकीकत को जानकर हरबार।
मुझे समझते और समझाते हरबार।
दिलो की दिल्लगी को समझो एकबार।
करलो दिल का इजहार तुम एक बार।

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