Sumitranandan  
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यादों से मेरा जब भी दिल दुखता है, मैं लिखता हूँ।
Joined 8 December 2018


यादों से मेरा जब भी दिल दुखता है, मैं लिखता हूँ।
Joined 8 December 2018
26 AUG 2021 AT 21:36

कल रात अंधियारे में, मैंने एक उजाला देखा,
खींचा उसकी ओर चला गया।
पास जब पहुँचा तो देखा, चिंगारी थी बुझने वाली,
चाहकर भी मैं ना बचा पाया।
एक चिंगारी भी काफी होती, बुझे को भी जलाने को,
पर क्या अक्सर ऐसा भी होता है।
जब बुझने वाला बुझना चाहे, जलने वाला ना जल पाए,
नियति ने क्या खेल रचा डाला।

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23 JUL 2021 AT 21:07

गिरा जब घर परिंदो का, वहाँ कोहराम फिर छाया,
उठा तूफान था ऐसा, शेष कुछ रह नहीं पाया।
भयंकर थी सर्द रातें जिन से लड़ते रहे उस पल,
देख कर ख्वाब में इसको अश्क पलकों से हो आया।

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22 JUL 2021 AT 23:12

क्या थे नजारें, जब उनसे मिला था,
फिर ऐसे सितम क्यों हो गए?
क्या थी कमी मुझमें, ऐ रब तू बता दे,
फिर मेरे प्रीतम क्यों खो गए?

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21 JUL 2021 AT 21:18

दिए तुमने जखम गहरे, भला कैसे मैं ये भूलूँ?
तोड़ी सारी कसमें तुमने, मनावोगे या मैं रोलूँ?
दिखाकर प्यारी सी मुस्कान अपने सुर्ख होठों पे,
किए थे तुम मुझे घायल, बता कैसे मैं ये भूलूँ?

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20 JUL 2021 AT 22:07

काश फिर से मैं तुझसे वफा कर पाऊँ,
माफ कर कैसे गलती, दफा हो जाऊँ।
खामियाँ चाहे जितनी हो तुझमें सनम,
चाहकर भी ना तुझसे जुदा हो पाऊँ।

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19 JUL 2021 AT 23:32

उम्मीदों का भँवर ऐसा घूमा इस बार जीवन में,
लगी आशें, खूले पट द्वार, बिछे ये नैन राहों में।
तड़पती रुह ये मेरी, बंद पिजड़े पंक्षी जैसा,
मिले एक बार फिर से वो, जा गिरूं उनकी बाहों में।

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18 JUL 2021 AT 20:45

भटकता एक मुसाफिर हूँ, कोई घर बार ना मेरा,
उपेक्षाएँ सिर्फ आती, जहाँ भी डालूँ मैं डेरा।
थामते हाथ अब मेरा, मतलबी लोग मतलब से,
देते दुतकार फिर मुझको, चाहे कर लूँ जतन तेरह।

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17 JUL 2021 AT 17:30

कद्र कर ना सके मेरी जज्बात का,
राहे भागे फिरूँ एक मुलाकात का।
अश्क ढलते रहे मेरी पलकों पे यूँ,
काम करते रहे वो तो बदनाम का।

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16 JUL 2021 AT 19:30

तिनके तिनके सा बिखरा था मैं भी कभी,
दूर खुद से किया मुझको तुने तभी।
हार कर भी मैं खुद से, यूँ हंसता रहा,
फिर भी तुने कहा "ना..ना" मुझसे अभी।

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9 JUL 2021 AT 9:50

In this pieces-pieces life,
are fragmentary moments,
In this detached breath,
are deep detached memories.
Lost with loved ones,
whenever wanted to add pieces,
Feelings of jealousy, anger, malice
has covered them.
Can't remember, can't forget,
those cute tantrum,
Want to try my best,
don't show their face.
I live, I write, but not utter, all pieces.

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