औरों पर रखा हुआ विश्वास, और खुद पर रखे हुए आत्मविश्वास से ही जीवन सहज, सुखी और समृद्ध हो पाता है।
जय श्री राधे ☺️☺️-
एक बात तो तय है इस जीवन में,
सभी को उसके कर्मों का फल मिलेगा,
भले आज नहीं तो कल मिलेगा ।
🙏🏻 ॐ नमः शिवाय 🙏🏻-
कभी किसी की भी मदद करते समय हम उसे "गरीब" ना कहते हुए अगर "जरूरतमंद" कहे तो बहुत अच्छा लगेगा उसे भी और हमें भी ।
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मैंने तेरे हिस्से का इश्क़ बचा के रखा है
जब ये शहर खुलेगा तो और जब हम मिलेंगे तब खुल के गले मिलेंगे ...😘❤️-
जब प्रभु श्रीराम अपना वनवास समाप्त करके अयोध्या आए थे तो न सिर्फ श्रीराम जी ओर माता सीता जी का वनवास समाप्त हुआ था,
बल्की तीन माताओं का वनवास समाप्त हुआ था अपने पुत्र के लिए, भरत जी का वनवास समाप्त हुआ था अपने प्राणों से प्रिय भाई के लिए, देवी उर्मिला जी का वनवास समाप्त हुआ था अपने पति श्री लक्क्ष्मण जी का लिए, और सबसे अहम वनवास समाप्त हुआ था अयोध्या की प्रजा का अपने राजा श्रीराम जी और उनके रामराज्य के लिए।
🚩🚩 जय श्री राम 🚩🚩-
उस पगली ने बड़े प्यार से मुझसे कहा कि तुम तो मेरे साथ हमेशा हो,
मेरे दिल में, दिमाग में, मेरे हर एक सुख और दुख में सिर्फ तुम ही हो।
मैंने भी हंसकर उससे कहा कि बस तुम्हारी "जिंदगी" में ही नहीं हूं ना। 🤗🤗।
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दो पंक्तियां उनके लिए जो फिर से वतन की ओर लौट रहे हैं।
जब पैसे कमाना था तो देश छोड़ कर भाग गए थे। (२)
और जब आज जान पर बन आई तो फिर से वतन की याद आई है।-
अकड़ की पकड़ बहुत खराब होती है, फिर वो चाहे रिश्ते में हो या इंसान में हो या खुद भगवान में हो, ये किसी भी रिश्तों को कभी मजबूत नहीं होने देती है। और जो इंसान ज्यादा अकड़ता है फिर उसे अपने पास कोई नहीं पकड़ता है।
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ऐ जिन्दगी ले चल मुझे उस दौर में, जहां मैं और मेरी वो मेरे पास हो, उसके अलावा ना कोई और हो, और मेरे प्यार के अलावा ना मुझे किसी भी बात का ठौर हौ।
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जो लोग देशी और विदेशी में फर्क करते हैं कुछ पंक्तियां उनके लिए समर्पित करता हूं।
"देशी" कहने में "देश" छिपा हुआ है, और "विदेशी" कहने में "विदेश"। अब यह निर्भर आप पर करता है कि आपको अपनी क्या पहचान बनानी है।-