सुमित सिंह   (©सुमित सिंह"इलाहाबादी"🇮🇳)
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Joined 2 November 2017


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Joined 2 November 2017

इश्क़ के मारे थे,
जान से भी हारे थे।
जिसके हम सहारे थे,
वो किसी और क प्यारे थे।।

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सुनो


चल सकोगी क्या तुम मेरे साथ उम्र भर मेरा हाथ थामकर तो मुझे अच्छा लगेगा,

तुम हो जाना मुझसे नाराज ठीक है मगर खुद मान भी जाना तो मुझे अच्छा लगेगा,

चलो आज से मैं तुम्हारा ख्याल रखूंगा ओर तुम माँ पापा का खयाल रखना तो मुझे अच्छा लगेगा

कभी कहीं मैं गलत हो जाऊं तो मुझे गुस्से से नही प्यार से समझाना तो मुझे अच्छा लगेगा,

तुम्हे पता है और भी लोग है मेरे घर पर, जितना तुम मुझे पसंद करती हो उतना उन्हें भी करोगी तो मुझे अच्छा लगेगा

आज से सफर शुरू करते है हम तुम्हारे साथ

हर कदम पर मेरा हाथ तुम्हारे हाथ में रहेगा तो मुझे अच्छा लगेगा

लड़ाई झगड़े तो बहुत होंगे हमारे बीच मगर तुम प्यार से उसे सुलझाना तो मुझे अच्छा लगेगा

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16 MAY 2022 AT 13:02

बदलते जमाने के साथ वो बदलते चले गए,
वो गैरो के दिल मे जाते रहे और हम उनके दिल से निकलते चले गए।।

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16 MAY 2022 AT 12:59

सुनो जो दिल कह रहा है
कर ले क्या,
तुम्हारे साथ एक लम्हे हम
मर ले क्या।।

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6 JAN 2022 AT 20:57

जो किसी ने नही किया वो काम करना चाहता हूं,
मैं अपनी मोहब्बत को सरेआम करना चाहता हूं,
जो गैरो से वफ़ा की बातें करते है बड़े शान से
उनका नाम किये बगैर उनको बदनाम करना चाहता हूं!!

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29 OCT 2021 AT 6:36

जब जलने थे दिए तो वो दिल जला रहे थे,
महफ़िल में मेरी बेवफाई के किस्से सुना रहे थे!!

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29 OCT 2021 AT 6:32

दर्द इतने ज्यादा भी नही है कि, लिखता जाऊँ
शायर हुँ जनाब कोई किताब नही की,बिकता जाऊँ

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29 OCT 2021 AT 6:27

सुनो न
इस दीवाली भी दिल जलाओगी,
या
दीया जलाओगी!!

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8 OCT 2021 AT 22:34

बहुत सालो बाद आज फिर कलाम उठाई है,
लगता है किसी बेवफा की फिर से याद आई है।
वो तो गैरो की बाहों में आराम से सो रही होगी,
एक मेरी ही किस्मत में ख़ुदा ने लिखी तन्हाई है।।

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7 OCT 2021 AT 22:22

अब और कितना अपनी यादों में तड़पयोगी तुम,
मेरी जान चली जायेगी तब आओगी तुम
लोग कहते है कि मोहब्बत में नींद नही आती,
तुम ही बताओ कि क्या खावबो में आओगी तुम

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