Sumit Singh   (Royal Sumit)
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खुदा चाहेगा किस्मत फन् की ये फरियाद रखेंगी,
जमाना सुन रहा होगा और दुनिया याद रखेंगी...।
Joined 18 November 2019


खुदा चाहेगा किस्मत फन् की ये फरियाद रखेंगी,
जमाना सुन रहा होगा और दुनिया याद रखेंगी...।
Joined 18 November 2019
28 AUG 2022 AT 14:08

चल आज एक सवाल कर ले
तू और मैं अपने दायरे का हिसाब कर ले
मेरे हिस्से मे तेरा सवाल क्यों हैँ,तेरे हिस्से मे मेरा ज़वाब क्यों हैँ
तेरे हिस्से मे सिर्फ तू,मेरे हिस्से मे सिर्फ मैं!
इस बात पे इतना बवाल क्यों हैँ

सदियों लग जाते हैँ,रिश्ते अपना बनाने मे
फिर तेरे हिस्से मे मेरा सवाल क्यों हैँ
मेरे हिस्से मे तेरा ज़वाब क्यों हैँ |

अभी तो सुरु हुई हैँ ज़िन्दगी,फिर इतना सवाल क्यों हैँ
चल मिलके जी लेते हैँ इसको
चल फिर से आज सवाल कर ले,खुद का ही हिसाब कर ले |

उठ सुबह ज़ब सवाल करता हूँ,सायद एहसास हो जाता हैँ
बोझ सा लगता है खुद को समझना,फिर से ये सवाल क्यों ?

बड़ी लम्बी हैँ ये ज़िन्दगी साहब,चार सवाल फिर तो लाजमी हैँ
चल छोड़ देते हैँ एक दूसरे को इस सवाल के साथ,
कंही तेरा तो कंही मेरा,फिर ये सवाल ही क्यों हैँ
तेरे हिस्से मे सिर्फ तू और मेरे हिस्से मे सिर्फ मैं
चल फिर से आज सवाल कर ले खुद का ही हिसाब कर ले
चल आज एक सवाल कर ले
मेरे हिस्से मे तू कितना है तेरे हिस्से मे मैं कितना हूँ ....

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27 JUN 2022 AT 11:15

सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ जाते है😥😥
उठकर पानी तक ना पीने वाले...!
आज अपने कपड़े खुद धो लेते हैं,वह जो कल तक घर के लाडले थे आज अकेले में रोते हैं !
सिर्फ #बेटियां ही नहीं #बेटे भी पराए होते हैं।

पापा के डांटने पर मम्मी को शिकायत लगाने वाले अब जमाने के नखरे सहते हैं !
खाने में सौ नखरे करने वाले अब कुछ भी खा लेते हैं।
मम्मी के बाजू पर सर रखकर सोने वाले अब बगैर बिस्तर के ही सो लेते हैं !
बहन को छोटी-छोटी बात पर तंग करने वाले अब बहन को याद करके रोते हैं
सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी पराए होते हैं !

यह उन बेटों के लिए जो घर की जिम्मेदारियों की वजह से घर से दूर रहते हैं और वह जमाने के सामने मजबूत बनते रहते हैं ।
सिर्फ बेटियां ही नहीं साहब बेटे भी घर छोड़ जाते हैं😥😥

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29 MAR 2022 AT 13:48

Ecc के गलियारे में जब देखा था मैंने तुमको
अगले ही पल ये मेरा दिल मेरा ना रहा,
साथ में आते जाते थे घर हम तुम रोज इलाहाबाद में
फिर बनारस से लेकर दिल्ली तक साथ अपना डेरा न रहा,
मनकामेश्वर,हनुमान मंदिर में फेरें साथ लगाए थे
किसी ग़ैर की चाहत में याद तुझे फेरा न रहा,
महाराष्ट्र में भी मैंने हर पल तेरी इबादत की
मैंने तुझे ख़ुदा माना और तू सिर्फ़ मेरा न रहा,
शहर था जब तक एक मैं तेरी जरूरत बना रहा
मोहब्बत में हर बार क्यूँ ये सरकार ही तेरा न रहा...

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1 FEB 2022 AT 20:42

फिर अतीत के चक्रवात में दृष्टि न उलझा लेना तुम,
अनगिनत झोंके उन घटनाओं को दोहराने आएँगे !!

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15 OCT 2021 AT 13:33

वो तो मोहब्बत हो गई थी वरना,
उम्र ही कहा है शायरी करने की...💔

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12 OCT 2021 AT 19:50

आपकी शोहरत पर दाद देता होगा ज़माना,
हमारे चाहने वाले तो हमारी बदनामियों पर फिदा हैं..

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26 SEP 2021 AT 10:37

इज़्ज़त की ख़ाक भी मंजूर है मुझे,
भीख का तो आसमान भी ना लूँ मैं..!!

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23 SEP 2021 AT 18:54

मिली है अगर जिंदगी तो मिसाल बनकर दिखाइये,
वरना इतिहास के पन्ने आजकल रिश्वत देकर  भी छपते है...!

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26 AUG 2021 AT 23:44

तुम मिल जाती तो मसला इसी जन्म में ख़त्म हो जाता
तुम्हें खोया है तो यक़ीनन कहानी लंबी चलेगी...

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15 APR 2021 AT 22:05

हमें शायर समझ के यूँ नजर अंदाज मत करिए,
नज़र हम फेर लें तो हुस्न का बाजार गिर जाए..!!

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