मेरा मेहबूब कैसा है कहा मुझे बता,
एक झलक खुद में उसकी दिखा ,
तेरे दीदार से हों गया उसका दीदार ,
जा उसको ये पायेगाम बता ,
चांद तू ही कुछ सुझा।।-
वो क्या था जिसको पाने निकले थे हम "सुमित"
इश्क था, रश्क था, मोहब्बत थी, प्यार था,,
मंजिल थी, मुकाम था, लक्ष्य था, परिणाम था,
जो खो गया वो बहुत उम्दा बहुत नायाब था ।।
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खुद के जैसा कोई कहां मिलता है इस जहान मे ,
खुद के साए से , तन्हाइयो में हम ,
खुद से नज़दीकियाँ बना लेते हैं ,
छोटे- छोटे लम्हों को हम कई सदियाँ बना लेते हैं ,
यूंही बनाते - बनाते , गमों से हम , खुशियाँ बना लेते हैं।।-
घर से थे जो चले ये बात हो गई,
ना जाने कैसे उनसे मुलाकात हो गई ,
नजरे हा उनसे ऐसे टकरा गई ,
की हमको आशिकी आ गई ,
घर से थे जो चले ये बात हो गई,
ना जाने कैसे उनसे मुलाकात हो गई ।।
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एक दूसरे के होके भी हैरान है ,
वही होता है जो ऊपर वाला चाहता है,
लबों पे नाम जो भी होगा दिल उसे ढूंढ ही लेगा ,
लखीरो का सफर शायद मोहब्बत पर खतम होगा ,
किस्मत में जिनके लिखा होगा इश्क मिलता है उनको यह ,
लबों पे नाम जो भी होगा दिल उसे ढूंढ ही लेगा ,
लखीरो का सफर शायद मोहब्बत पर खतम होगा ।।-
तो एक अश्क नजर आता है ,
कोई है जो अपना ना हो कर
भी अपना नजर आता है ।।-
उनको खास करने के लिए खुद को
उनकी खातीर आम किया है ,
जिनको दिल से चाहा हमने उन्ही ने
गैरों का दामन थाम लिया है ।।
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रब से की गई इबादत एक मुकाम तक लाएगी ,
उसके आगे आपकी चाह ,आपका इश्क ,
आपकी मोहब्बत आपको राह दिखाएगी ।।
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हमने कब गिला किया ,
जो मिला सुख या दुख ,
अल्फाजों में पिरो एक तराना बना लिया ,
गुन गुनाते रहे कैसा भी हो समय
अच्छा या भूरा हमने हस कर बीता लिया ,
हर दुख को अपना लिया ।।— % &-
जहां जाना है जाओ ना ,
प्रेम एक स्वतंत्रता हैं,कोई बंधन तोड़ी ना ,
प्रेम एक समंदर है ,कोई नदिया तोड़ी ना ,
जिंदगी एक एहसास है ,कोई भरम तोड़ी ना ,
जिंदगी बहुत खूबसूरत है ,कोई वहम तोड़ी ना ,
इसे जी भर जियो ,जीने में कोई शर्म तोड़ी ना ।।-