मेरे विश्वास को हर एक बार तोड़ा उसने मेरी चुगली में कई बार झूठ ही जोड़ा उसने मोहब्बत की बात मैं किसीसे क्यों करूं सुमित अक्सर मोहब्बत के ही नाम पर लूटा उसने
मुझसे अलग तू मुझको बता देगा और क्या कर लेगा कहानी और है तू कुछ और सुना देगा और क्या कर लेगा यूँ तो जिंदगी अपनी धुएँ की माफ़िक सुलग ही रही है तू उसमें फूंककर आग लगा देगा और क्या कर लेगा
एक मुद्दत से मुलाकात का सिलसिला यूं नजर आता है उसकी एक झलक पर दिल का गुलशन संवर जाता है अक्सर बाइक की पीछे सीट पर बैठकर वो गुजर जाता है मैं उसे देखकर मर जाता हूँ वो मुझे देखकर सिहर जाता है