मैंने उनके दिए हुए सूखे फूलों को,
भी अब तक संभाल कर रखा है।
उन्होंने तो मुझे निकाल कर किसी
और को, अपने दिल में बिठा रखा है।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😒-
Founder of 'Kuch Meri Kalam Se' on fb
Author Of Adbhut Kahaniy... read more
क्यों आए वापस तुम मेरे बुलाने पर।
मुझे छोड़ दिया किसके कहने पर।
चली जाओ फिर से उसी के पास,
याद नहीं आती तुम भूल जाने पर।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😡-
तितली को पकड़ने से ज़्यादा देखना अच्छा लगता है,
उसके रंगीन पंखों को देखकर दिल को सुकून मिलता है!
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎-
नारी ही शक्ति है, बल है।
नारी से ही आज है, कल है।।
नारी ही ईश्वर है, भक्ति है।
नारी ही मेहनत है, प्रगति है।।
नारी ही देवी है, अप्सरा है।
नारी ही अंबर है, धरा है।।
नारी ही करुणा है, ममता है।
नारी ही प्रेम है, क्षमता है।।
नारी ही विविधता है, समानता है।
नारी ही एकता है, समता है।
अन्त में नारी ही बंदगी है, पूजा है।
नारी से बढ़कर, कहां कोई दूजा है ।।
✍️सुमित मानधना 'गौरव' सूरत😎-
Always Respect Women,
Always Worship Parents.
✍️Sumitgaurav2005 😎-
यूँ लहराती साड़ी में,
बेमिसाल लग रही हो।
मैं सच कह रहा हूँ तुम,
बा-कमाल लग रही हो।।
सुलझे हुए से जवाबों का,
उलझा सवाल लग रही हो।
मोहब्बत की खूबसूरत-सी,
इक मिसाल लग रही हो।।
शायरों का वो संभाला हुआ,
रेशमी रूमाल लग रही हो।
पाने को तुम्हें यूँ ललचाए,
ऐसी बवाल लग रही हो।।
✍सुमित मानधना 'गौरव'-
हम महिलाओं से क्या तुलना करेंगे,
अपना स्तर वे हमसे ऊँचा रखते हैं।
महिलाओं के सिर के टूटे बाल भी,
किलो के भाव बाज़ार में बिकते हैं।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎
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दिल चाहता है ये ग़म की शाम ढल जाए।
दिल चाहता है फिर से आराम मिल जाए।
अब नहीं काट पा रहा हूँ मैं तन्हा यह सफर,
दिल चाहता है किसी को पैगाम मिल जाए।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔-