कुछ नहीं कहना है मुझको।
खामोश सब सहना है मुझको।
आए कितनी ही बाधा पथ में,
दरिया समान बहना है मुझको।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎-
Founder of 'Kuch Meri Kalam Se' on fb
Author Of Adbhut Kahaniy... read more
"दुःखी मनुष्य की कलम से"
दोस्तों आप सभी से करबद्ध प्रार्थना है कि अगर मेरे कमेंट में किसी को यह शब्द दिखे तो कृपया बुरा ना माने क्योंकि वॉइस टाइपिंग की वज़ह से आजकल मेरा मोबाइल ऑटो करेक्ट कर रहा है और इसी चक्कर में शब्दों के मायने बदल जाते हैं। जैसे लिखता हूँ बन्दा वो बंदर 🙈 बन जाता है, लिखता हूँ भाई वो भैंस 🐃 बन जाता है!
इसी चक्कर में बीवी भी 2 दिन से नाराज है! बीवी की बिरयानी वाली डीपी पर कमेंट किया था 'बेस्ट बिरियानी' जो कि बन गया दुष्ट प्राणी!
उसके बाद क्या हुआ होगा यह आप अच्छे से समझ सकते हैं बस तो आजकल कुछ दिनों से यही चल रहा है!
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎
😟😢😟😢😟😢-
हर रोज़ 12:00 से 1:00 किसी को मेरी बहुत याद आती है,
कौन है वो ये मैं नहीं जानता लगातार मुझे हिचकी आती है,
अब कहाँ है वो अब कैसी है वो जीती है सिर्फ गुमनामी में,
लगता है मुझसे बिछड़कर उसे भी रातों में नींद नहीं आती है!
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔-
प्यार के बदले कहाँ मिलता है प्यार,
प्यार को बना दिया है आज व्यापार,
किताबों में रह गया है सच्चा प्यार!-
तुझे जी भर के नहीं देखा ऐसा कैसे कह दूँ।
कई साल बिते है तेरे संग क्या भूल गई है तू।
बसा लिया है तूने किसी गैर को अपने दिल में,
मेरे दिल में आज भी कोई और नहीं बसी है तू!
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔-
क्रोध मनुष्य के पतन का सबसे बड़ा कारण होता है,
इस पर नियंत्रण नहीं रखने वाला आजीवन रोता है।
✍🏽सुमित मानधना गौरव😎-
झिझक को बाहर निकालो,
ख़ुद को छुपाकर मत रखो।
भीतर के हुनर को पहचानो,
अपनी कला का प्रदर्शन रखो।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎-
अब इतना क्या सोचना।
हो गया है जो था होना।
सबको खुश रख कर भी,
पड़ रहा है देखो हमें रोना।
यहीं लिखा था तकदीर में ,
अब किसी को क्या कोसना।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔-
देखकर आज कल के हालात।
कहनी पड़ रही है यह बात।
भारी और पीड़ित मन से कि,
दफन कर दिये अपने जज़्बात!
(शेष रचना अनु शीर्षक में पढ़ें)-
सभी लोग यही कहते हैं कि होनी को कौन टाल सकता है,
लेकिन सच तो यह है जिस पर बीतती है उसे ही पता चलता है।
महसूस नहीं कर सकता उसके दर्द को ज़माने में कोई भी,
बस वो अकेला ही तन्हाई की आग में हर पल जलता है।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔-