Neither your city ..............
(Read caption )
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"Neither a writer nor a storyteller. I just raise my voice with... read more
समझदारों की भीड़ से बहुत बाहर हूँ मैं,
तुमसे झूठ कहा है किसी ने कि शायर हूँ मैं ।।-
उसकी ही रहमत है जो सिर उठा के चलता हूँ,
इसलिए भी मैं हर मंदिर के आगे सिर झुका के चलता हूँ ।।-
Re-living in head
Is Always sweeter than
replacing to forget .-
तेरे बाद भी ये रातें मेरे संग कुछ यूं जाग रही हैं,
तेरे हिस्से का वक़्त अब यादें बाँट रही हैं।।
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एक सैलाब आया कल आशुओं का , हम खुश हुए कि सारे किस्से बह गए,
मगर उठाई जो तकिया सिरहाने से, दबे वो दर्द अबतक वहीं पुराने रह गए।।-
'Thinking', it's nothing
but just an illusion.
Brain is a media player,
playing a prescripted,
predestinated reel everytime,
Always. 'Emotions' are
like background music.
To make it more dramatic
and interesting.-
कोई झूठ, कोई चाल, कोई फ़रेब नहीं जाता वहाँ,
मरघट से भी कोई पाक जगह होगी जहाँ खुदा मिल सके??-
मुसाफिर नहीं उनकी कहानियाँ तेहरा करती हैं ।
कभी डूबती, कभी टूटती, कभी धुल जाती, कभी घुल जाती, यह कश्तियाँ भी कितनी संभल जाती।।-
आती नहीं हैं मुझे हिचकियाँ आजकल,
शायद ! मेरा डर सच हो गया है ।।
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