Sumit Kumar   (सुमित कुमार)
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Bekaar Kavi
Joined 16 July 2017


Bekaar Kavi
Joined 16 July 2017
23 SEP 2021 AT 17:34

किस्से वहीं हैं
बस किरदार बदल गऐ हैं ।।
लोगों के हालात वहीं हैं
बस सरकार बदल गऐ हैं ।।

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21 JUL 2021 AT 19:12

आज मैं शस्र डाल रहा हूँ
युद्ध जीत के भी हार रहा हूँ
युद्ध के सारे नियम बदल रहे हैं
कयोंकि अपने ही युद्ध मे लड़ रहे हैं

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19 JUL 2021 AT 20:37

जिसने जीतना समझा उसनें वह कहा
किसी ने भौला और किसी ने शिवा कहा ।।
।। हर हर महादेव ।।

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28 APR 2021 AT 23:57

बे रंग जिन्दगी में रंग भर आऐ
जो अपने थे उनसे मुँह मोड़़ आऐ ।।
किसी और को पाने के चाह में
जो अपने थे उन्हें छोड़़ आऐ ।।

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3 APR 2021 AT 10:53

थक गया हूँ कमियों को गिनते गिनते
लोगों को सिर्फ़ कमियां ही दिखती हैं मुझमें ।।
कास कोई तो आए ज़िन्दगी मे
जिसे कमियां नहीं काबलियत दिखती हो मुझमें ।।

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15 SEP 2020 AT 13:45

Temporary life मे Permanent job वाला चाहिए
यू तो दहेज से नफ़रत हैं उन्हें
फिर भी लडका उन्हें Government job वाला चाहिए

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25 MAY 2020 AT 14:55

जाये कहाँ इस मजधार में
इस तरफ या उस तरफ ।।

डर इस तरफ डर उस तरफ
मौत इस तरफ मौत उस तरफ

काम इस तरफ घर उस तरफ
मन इस तरफ दिल उस तरफ

बाताओ जाऊं कहाँ इस मजधार में
इस तरफ या उस तरफ ।।

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12 MAY 2020 AT 23:17

पैसों से दवा खरीदी जा सकती हैं साहब
माँ की दुआ नहीं......

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20 AUG 2017 AT 0:36

चले थे माँ बाप का घर छोड़ कर एक नई दुनिया बसाने
हमें क्या पता था कि हम अपना घर उजाड़ आऐ ।।

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