मेरा एतेबार कुछ इस तरह पुरा हो जाए.
मैं चांद को देखने की मुराद करू और तुम्हारा दिदार हो जाए.
सुना है मुक्कमल हो जाती है हर किसी के ख्वाईशे यहा,
मैं तुम्हारा नाम पुकारू और मुझे जन्नत का पता मिल जाए.-
Sumit Gaikwad
Facebook ... read more
Na muje hara chahiye
Na muje narangi chahiye
Mai to ek saccha Hindustani hu
Muje ek sath Tiranga chahiye
Ha Muje Diwali ki mithayi chahiye
Ha muje Ramjaan ki khir bhi chahiye
Dharm ke naam par na bate aaisa Hindustan,
Muje ek-jut , ek-sath chahiye.
-
Tu mere mandir ki aarti, Mai Tere majzid ki azaan,
Q Judda hai hum khud se, jab ki Basti hai ek-duje mai aapni jaan.
Chal kahi benaam ho Jaye hum aapni sarhado se,
Q ki ye zalim duniya abhi bhi hai "Sacche ishq se anjaan."-
शायद अब ये वक्त का खेल था,
जो ऊस खुदा ने आपको हमसे चुरा लिया है.
खुद के *राहत* के लिए उस खुदा ने,
मौत के रास्ते *इंदोरी* को आपने पास बुलाया है..
✍🏻© सुमीत गायकवाड
(Ye_mere_nishan)-
वो बेगुन्हा था, वो चला गया,
और उसे गंदा बताया जा रहा है.
उसके चिता पर हाथ सेक कर,
हैवानीयत का धंदा चलाया जा रहा है-
अगर उदास हू मै तो, किसके साथ बात करू,
जब कोई ना रहा अपना यहा, तो किसके साथ मै रहू...
जिंदगी भी एक पतंग सी हो गई है साहब,
दोर तुटने के बाद अब किसके सहारे मै अकेला उडू...-
आज सदियो बाद तुम्हारा यु छत पर आना हुआ
उसी वक्त हमारा वहा से गुजरना हुआ
महज ये एक इत्तीफाक है या खुदा की कोई साजीश है
चलो माना ये इश्क नही है
पर है तो ये क्या है..?
क्या यही प्यार है..?-
तुट चुका हू यार अब कितनी बार तोडोगे,
बिखर चुका हू अब कितना नीचे गिरावोगे.
खेल तो खेल रही है जिंदगी मेरे साथ,
क्या उस खेल का अब तुम भी मजाक बनावोगे..-
हा आज भी हमे तुम्हसे वोही दिल्लगी है,
हा आज भी हमे तुम्हारे मोहब्बत की वोही प्यास है.
बस एक बार लौट आना तुम हमारी जिंदगी मै,
क्यूकी आज भी तुम्हारे नाम से चलती हमारी सांस है.-
सुना था कल चाँद का आसमान से उतरकर
हमारे मोहल्ले मै आना हुआ..
कोई इतेल्हा कर देता यार हमे भी,
बरसो बाद दिदार करणे हम खुद ही चले जाते..
-