वो लोग बहुत ख़ुश-क़िस्मत थे
जो इश्क़ को काम समझते थे
या काम से आशिक़ी करते थे
हम जीते-जी मसरूफ़ रहे
कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया
काम इश्क़ के आड़े आता रहा
और इश्क़ से काम उलझता रहा
फिर आख़िर तंग आ कर हम ने
दोनों को अधूरा छोड़ दिया-
Chaudhary27192
वक़्त की स्याही खाली है
या फिर शब्दो को लिखना भूल गया.
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मैं बैठा हूँ अब भी पानी पर,
धुंए में कही अब मयखाना भूल गया
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रात का अंधेरा कुछ ऐसा है,
की नींद बस दूर से ताकती रही मुझे..
मेरे खयाल ही अब मेरे नही रहे
मैं इस जमाने का नहीं या ये जमाना मुझे भूल गया-
मैं शून्य ही सही तुम्हारी जिंदगी में
पर मेरी कोशिश रहेगी तुम्हारे पीछे खड़े हो कर
हमेशा तुम्हारी कीमत बढ़ा सकूं..!-
कुछ हसरते बाकी रह गयी बीते वक़्त में लौट जाने की
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जिंदगी ने अफ़साने ऐसे लिखे जिसे जिंदगी ने खुद नकार दिया,
जो मंजिल चुनी थी खुद के लिये राहो ने कदमो से ही इनकार किया,
कोशिश तो बहुत हुई खुद से रूठे लोगो को मनाने की,
कुछ हसरत बाकी रह गयी बीते वक़्त में लौट जाने की,
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दूर तक जहाँ भी देखु खुद की ज़िन्दगी बेपरवाह दिखाई देती है,
पर सन्नाटे में भी खामोशी नहीं, चीखने की आवाज़ सुनाई देती हैं,
दर-ब-दर भटक कर कोशिश करता खुद को बहलाने की,
कुछ हसरत बाकी रह गयी बीते वक़्त में लौट जाने की
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समेटने चला हूँ फैला हुआ दरिया किनारों से,
कुछ बात समझ आयी जिंदगी के इशारों से,
वक़्त ही राह हैं खुद के मंजिल को पाने की,
अब कोई हसरत नहीं बीते वक़्त में लौट जाने की
क्यों कि जो बीत गई सो बात गई-
मैं जीता हूं तेरे साथ कल में, मैं खामोशियो को सुनता हूं। ..
मैंने देखा है हवा को गुजरते हुए, मैं हर नींद में जागता हूं। ..-
आंखे बंद है, लेकिन सब कुछ देख रहा हूँ,
चोट खा कर ही सही कुछ तो सीख रहा हूँ..
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मन हमेशा वो सोचता है, जो नामुमकिन है,
कल में जीने की चाहत में आज डर रहा हूँ...
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लोगो को सीख देता हूँ, कैसे कल को भुला दे
अपने कल को लिए जैसे मैं रोज मर रहा हूँ...-
Why I didn't ask you anything last time...
Bcz Sometimes it seems worthless to argue
That why you did this, why you aren't mine.. .
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ना वक़्त संभला ना तुम रूके,
इतना भी ना हुआ मुझसे की
तुमसे सब कुछ कह सके...
कई सपने फेंक दिए सड़क पर
इतना भी नहीं हुआ मुझसे की
कोई एक सपना खुद को दिखा सके...-
बदले है हर हालात को जब जिसे बदलना था,
संभाला भी हैं खुद को जब मुझे संभलना था,
पर इस खेल में मैं कही खो सा गया हूं शायद
क्या ये वही रास्ता है जिसपर मुझे चलना था....
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जिसे आईने मे देखता हूँ रोज, क्या वही पहचान हैं,
या वो भी कोई झूठ और मेरी परछाई भी बेइमान है,
तो फिर तुम ही कहो, कौन हूं मैं, क्या हूँ मैं, या
मेरा अस्त्तित्व ना भूत , ना भविष्य , ना वर्तमान है...
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क्यों हर वक़्त महसूस होता है, जैसे खुद को ढूंढना है,
क्या मैं खुद से भाग रहा हूँ और शायद मुझे रुकना है,
ऐसे अनगिनत सवाल है मेरी जेब में हिफाजत से
कभी खुद से मिल कर इन सवालों का जवाब पूछना हैं...-
What if love isn't just a feeling rather a new dimension just like time. It always exists around us but we never see it... but we feel it.. may be falling in love with someone has a specific meaning for your life but we aren't able to decode it yet. . .
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