कुछ खुद को उलझा सा पाता हूं आजकल
जीवन की डोर सुलझाने के प्रयास में....-
A good poem is a mental massage
That relieves the who... read more
कहने को जीवित है
भीतर से मरे हुए है हम
सारा दिन हँसते है
पर दर्द से भरे हुए है हम..-
ये स्याह रात, कानों में किशोर के गाने
और इस शीतल बहती हवा का चेहरे को छू जाना
अब ऐसे में तेरी यादों का ज़हन में आना तो लाज़मी है..-
किसी ने पूछा,
"यार आजकल कुछ लिख नहीं रहा..?"
मैं :
"ज़िन्दगी में रोज़ नया तूफान आता है
और लिखा तो सुकून में जाता है.."-
••कुदरत और तुम••
स्याह रात सी काली घनी तेरी ज़ुल्फें
खुले विशाल आसमान सा ये तेरा ललाट
शीतल जल की झील और झील सरीखी आँखें
पास में गुलाब का बगीचा, गुलाब रूपी मुस्कान
सुकून भरे कुदरत के नज़ारे सी तेरी सादगी
किसी भटके मुसाफिर सा मैं,
जो बैठा हो खुले आसमान तले,
मिटा रहा हो अपनी थकान..-
बारिश है बाहर और रज़ाई में हम.
कमरे में अंधेरा है और दिलों में गम..
🖤🖤-
Everything happens and happened for a reason.
You are what you are today because of the actions
YOU CHOOSE to perform.
If your actions turned into success, keep on hustling.
If your actions doesn't go in your favor, take responsibility of it and try again.-
सुंदरता की पहचान आईना नहीं कर सकता,
उसके लिए दिल की नज़रों का सहारा ज़रूरी है..
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The other day, a writer told me, "you write good but you have to work on your perfection"
I said, "I am ORIGINAL and now-a-days that is equal to perfection." And then I noticed that him being a
fake writer was short on words and there
were some fumes coming out of his arse.
😈🔥😈🔥😈-
क्या हम आज़ाद है??
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एक सवाल ज़हन में है आज मेरे
देश के कई लोगों की नींव में आज भी मोच है
और बेड़ियों में जकड़ी ये हमारी सोच है
तो क्या हम आज़ाद हैं?
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(Read full poem in caption)-