घर से निकले तो दिल में कुछ अरमान थे।
रास्ते से गुज़रे तो बीच में कब्रस्तान थे।
मुर्दो के हड्डियों के उपर जब हमारा कदम गिरा,
उनके कुछ बयान थे।
ए नादान संभल कर चल जरा ,
हम भी कभी इंसान थे।-
लम्हों की एक किताब है ज़िंदगी
सांसों और ख्यालों का हिसाब है ज़िंदगी
कुछ जरूरत पूरी कुछ ख्वाइसे अधूरी
बस इन्ही सवालों का जवाब है ज़िंदगी ।-
की आखें तो बंद की थी हमने नींद के इंतज़ार में
ख्वाबों को ना जाने कहा से उनकी तस्वीर मिल गई।-
सिर्फ अंदाजा लगाना सही नही
कहानी अब तक मैने कही नही
जब अच्छा वक्त होगा, तो आ जायेंगे ये सारे
खैर जमाना ही ऐसा है गलती इनकी भी नही।
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कलम की सियाई से उसके आखों पर गजल लिख रहा था
नजर उसके आखों पर पड़ी तो हाथ से कलम छूट गई।-
आने वाले पल आते जाते रहे
हम बीते बातो का दुख मानते रहे
लोग निकालते रहे अपना मतलब हमसे
और हम लोगो से रिश्ता निभाते रहे
कितने रंग देख सकती है अब ये 2 आखें
लोग हर बार एक नया रंग दिखाते रहे
करली अब बारिश ने जमीन से दुश्मनी
तो जंगल के सारे पेड़ मुरझाते रहे-
लोगो को बीमारी में दवाखाना नजर आता है
हमे तो उसके पलंग का सिराना नजर आता है
मरने की हालत में भी मोहब्बत नही छोड़ रहा है ये दिल
ये सक्श तो कोई पागल दीवाना नजर आता है
लोग दूर तक देखते है इन दुर्बिनो से और
हमे तो तेरी आखों में पूरा जमाना नजर आता है
खोखली हो गई है दीवारे मेरे कमरे की
लेकिन तेरी तस्वीर में मुझे आज भी खजाना नजर आता है
कुछ भी नही बचा है अब नया देखने को
हर मंजर तो वही पुराना नजर आता है
मुद्दत हुई आखों से कुछ देखा नही मेने
एक चेहरा है जो मुझे बार बार नजर आता है।
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ये हम दोनो की आखरी मुलाकात है
फिर तुम कही चले जाओगे हम कही चले जायेंगे।
साथ हमारी ये आखरी रात है
फिर तुम कही चले जाओगे हम कही चले जायेंगे।
जुदाह होना तुमारी जरूरी थी
राह यहां तक की भी बहुत खूबसूरत थी
आज ही कह दो दिल में जो तुमरी बात है
फिर तुम कही चले जाओगे हम कही चले जायेंगे।
तेरी आखों में जो नमी सी है
मेरी सांसे भी कुछ थमी सी है
मुझे तो बस तेरी ही चाहत सी थी
फिर तुम कही चले जाओगे हम कही चले जायेंगे।
वक्त के फैसले हालत बदल देते है
रिश्तों का सारा हिसाब बदल देते है
ये भी कितनी हैरानी की बात है आज क्युकी
फिर तुम कही चले जाओगे हम कही चले जायेंगे।
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अब कैसे तुमारी खूबसूरती बया करू में
क्या लिखूं तुमारे लिए क्या नया करू में
दिल के जज्बात कहने का मजा तो तब है
तुम सुनने को बेताब रहो और हया करू में
कभी इस चांद से चेहरे को लिए मिलो हमसे
तुम सामने बैठो और तारीफ करा करू में
तेरी झील सी गहरी जाम सी नसीली आखों में
डूब जाऊ बहक जाऊ और इनपे मारा करू में
सोचा था किसी से इश्क नही करूंगा अब लेकिन,
देखा तुम्हे तो लगा दिल से दोबारा मशवरा करू में।-
हम आखरी सांस तक यार तेरे
दिल पे सारे इक्तियार तेरे
तुम आओ तो नींद नही आती
नींद आए तो सारे ख्वाब तेरे-