Sumedha Walia   (Sumi)
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Joined 1 October 2020


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23 JUN AT 9:41

ख्वाब है तो उम्मीद है।
ख्वाब है तो जीने के है मजा।
ख्वाब हे न हो तो जिंदगी कहां।

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23 JUN AT 9:38

कोई और न करे तब भी।

क्योंकि तुम जानते हो कि
क्या तुम्हारी पुकार है।
तुम में छुपी कौन सी खास बात है।
क्यों तुम कुछ करना चाहते हो।
क्यों कुछ बनना चाहते हो।
क्यों तुम नायब हो।
क्या तुम्हारे जज़्बात हैं।

-


23 JUN AT 9:33

You leave excuses
Why you can't.
And
Try to know
How can I ?

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23 JUN AT 9:28

The chances we did not take,
The failures we didn't fail,
The stories we didn't live ,
The fears which binded us,
The unreasonable reason
"what people will say",


The regret of trying and failing
Are better than regret of
"What IF"



-


17 JUN AT 11:27

रेत सा वक्त रेत सी जिन्दगी।


रेत सा वक्त मुठ्ठी में लिए हम बस आगे आगे भागे ।
फिसलती सी जिन्दगी में हम बस बढ़ना जाने।
न सुबह की आगाज़ है हमें, न रात का इल्म हमें।
हम तो बस न जाने किसके पीछे भागे ?
बेचैनी सी मन में लिए, न जाने हम क्या चाहे।
कल के सुकून की तलाश में हम अपना आज गवाए।
रेत सा वक्त लिए हम सब आगे आगे भागे।


क्या यह जरूरी नहीं कि हम एक पल ठहर जाए।
जो है पास में उसी में खुश हो जाए।
कल के लिए भाग भागकर हम अपना आज गवाए।
जीवन मिला है बस एक बार, क्यों न यह सच पहचाने।
हीरे मोती से पत्थरों की वजह से, हम खुद को क्यों भूल जाए।
रिश्तों को बेगाना कर, हम अनजानों पर क्यों दाव लगाए
रेत सा वक्त लिए हम क्यों ही आगे आगे भागे।

मन की उधेड़ भुन में क्यों हम न अपने हृदय की पुकार सुनें।
मंजिलों की तलाश में क्यों न हम रास्तों का लुफ्त ले।
क्यों न हम, अंतिम सत्य को जान ले, मंजिल सबकी एक है।
क्यों है इस से अनभिज्ञ हम ???
क्या कल तुम्हें मिलेगा ही, इसका तुम्हारे पास प्रमाण है।
जब जवाब न है तो क्यों न आज सवार ले।
रेत सा वक्त लिए हम क्यों ही आगे आगे भागे।

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12 JUN AT 21:24

Someone lost a dream
Someone lost a life
Someone lost a loved one.


Pray for the souls departed and the loved ones left behind

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20 MAY AT 21:08

Like you hold me on your arms
I hold memories in my heart
Like you hold love in your eyes.
I hold the conversations as art,
Like you recite our love verses .

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17 APR AT 10:03

कुछ मुलाकातें थी,
कुछ अनकहीं सी हसरतें थी।
कुछ कहे हुए जज्बात थे।
कुछ बिना जवाब के सवाल थे।
कुछ तेरे मेरे हालात थे।
कुछ खुशियों से भरी यादें थी,
कुछ दूर जाने की बेचैनी थी।
अब न मुलाकातें है न बेचैनी,
न सवाल न जवाब।
तुम हो मैं हूं बस अब हम नहीं कहीं।

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17 APR AT 9:54

You are grateful for everything you have.

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11 APR AT 9:59

हंसती खेलती जिन्दगी में ,
जब ठहर कर सोचा,
दिल की किसी कोने में तेरी ही आगाज़ थी।

यूं तो तुम अब मेरे पास नहीं,
पर यह भी तो सच है,
तू ही मेरा हमराज है।

शायद अब हम कभी न मिलें।
लेकिन यह भी अंतिम सत्य है,
जैसे तुम मिले वैसे कभी किसी से न मिल पाऊंगी।

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