लोग कहते है की कला लोगों के विचारों को नहीं बदल सकती वो गलत कहते है कला बस उन लोगोंकी सोच बदल सकती है जिनमे प्रेम, करुणा और लोगों के प्रति संवेदनशीलता हो अगर आपको रंगभेद, जातीभेद,धर्मभेद या स्त्री-पुरुषभेद पे लिखी कविता या लेख पढ़के अस्वस्थता महसूस नहीं होती तो समझलीजिये आप एक असंवेदनशील व्यक्ति है आपको मानसिक इलाज की ज़रूरत है।
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