ये परिस्थितियां अपने साथ ढेर
सारा ख्याल भी लाती हैं।-
किसी अपने से मानसिक रूप से अलग हो जाना इंसान की सबसे बड़ी शक्ति हैं।
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आज की शाम वो बस शहर में नहीं है मेरे,
मानो जैसे ये रात कभी ढलेगी ही नहीं ।
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कभी सोचा ना था अब उस
परिस्थिति में आ पड़े है,
मुझे दोनों किनारे पसन्द है
और अब बीच मझधार में
आ खड़े है।।-
इक मीठा सा ख़्वाब जो कच्ची उम्र से है ,
वो अब कहीं खो सा रहा है ,
ये बढ़ती उम्र इतनी भी समझदार क्यों हो रही है।।
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तेरे होते हुए किसी और को
अपना बनाया भी नहीं जाता,
मेरा सच तो कुछ और है पर ये
अब बताया भी नहीं जाता।।
🖤😔😔-
इक घुटन सी हो रही है तुमसे
सच में सच को छुपाते हुए,
मुझमें मैं ही अच्छा नहीं लगता
अब इस कदर रुठ जाते हुए।।
❣️🖤-
घर की चौखट चाहे कितनी
ही भी बड़ी क्यों ना हो ,
पर कुछ आस तो सिर्फ
खिड़कियों से ही होती हैं।।
😶😶-
कि मैं इक राज कि तरह
तूझे छुपाना चाहती हूं ,
तू कुछ ना बोल मैं सब
कुछ जताना चाहती हूं!
🖤-
करनी है इतनी सारी बातें यह बात किस से कही जाए,
मेरी तलाश में कोई मेरे जैसा उम्र दार नहीं मिलता।।
(दोस्त)-