वह मेरे दिल को शीशे की तरह तोड़ता रहा ,
कोई उन्हें बेवफा न समझ ले इसलिए
हम जिंदगी भर उन टूटे टुकड़ों को जोड़ते रहे ,
और कुछ इस तरह बेबस जिंदगी के तजुर्बे
उन टूटी दरारों से झांकते रहे ।-
SUMAN SHARMA
(सुमन की कलम)
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I write whatever i feel....
जगत की वास्तविकता से अनभिज्ञ ...
बं... read more
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Joined 8 December 2022
7 MAY AT 21:16
4 MAY AT 2:13
मेरी आंखों ने उसे ..
अपनी रोशनी बनाया था ,
अब वह नजरें ही नहीं..
तो क्या रोशनी और क्या अंधेरा ?-
2 MAY AT 16:14
उसने कहा मुझे मेरा उपहार देना,
मैंने कहा.. मैं तुम्हें एक shirt दूंगी ,
उसने मुस्कुरा कर कहा...
हां ..मगर एक बार पहन कर देना।
पता नहीं उसके लिए उपहार क्या है?
वह शर्ट..या.. वह स्पर्श !-
2 MAY AT 12:47
मैंने उसे साधारण से अमूल्य बनाया,
उसकी चमक को शीर्ष तक पहुंचाया
और फिर वह ठहर गया वहीं पर जाकर,
अब न मैं उसकी ऊंचाई तक देख पाती हूं
और न ही वह इतनी नीचे ..
मेरे प्रेम की गहराई तक ।-
1 MAY AT 21:51
वह लगता है पूर्ण ..
मगर अक्सर अधूरा रहता है।
यह प्रेम है साहब ,
अच्छे भले को पागल करता है ।-