कौन कहता है कि तुम्हारी तस्वीर बात नहीं करती
हर बात का जवाब देती है बस आवाज नहीं करती-
कोई परवाह नहीं मुझे इस दुनिया की
बस हमेशा तेरा इक साथ रहे
हथेलियां संभाल लेंगी किस्मत की लकीरें
बस इन हाथों में तेरा हाथ रहे-
तुम्हें
कि हमारा सच छिपाने के लिए
तुम सच्चे ना रहो
इजाज़त नहीं है
तुम्हें
कि हमें अच्छा बनाने के लिए
तुम अच्छे ना रहो-
तुम्हे पहले खुद को समझना होगा
इतना आसान नहीं मुझे पढ़ पाना
उसके लिए तुम्हें पहले खुद को पढ़ना होगा-
मेरी बेटी का आना
जैसे मेरा आंगन महकाना
मेरी बेटी का आना
जैसे कोई मौसम सुहाना
मेरी बेटी का आना
जैसे मीठा सा तराना
मेरी बेटी का आना
जैसे हर दुख का चले जाना
मेरी बेटी का आना
जैसे खुशियों का खजाना
मेरी बेटी का आना
जैसे तारों का टिमटिमाना
मेरी बेटी का आना
जैसे चिड़ियों का चहचहाना
मेरी बेटी का आना
जैसे फूलों का खिल जाना
मेरी बेटी का आना
जैसे रत्नों का खजाना
मेरी बेटी का आना
जैसे झूम उठने का बहाना
मेरी बेटी का आना
जैसे बिन बात के मुस्कुराना
मेरी बेटी का आना
जैसे बिगड़ी बातों का बन जाना
मेरी बेटी का आना
जैसे किसी उलझन का सुलझ जाना
मेरी बेटी का आना
जैसे मुझे महका जाना-
अनदेखे धागों से यूँ बाँध गया कोई।
वो साथ भी नहीं और हम आजाद भी नहीं ।।-
जितनी भी मिले कम ही लगती है
कि तेरे होठों की मिठास
जितनी भी चखूं कम ही लगती है
जो चेहरे पे मुस्कुराहट हो तेरी
तो ये फिज़ा रंगीन सी लगे
जो उदास हो तू तो
सारी बातें सितम सी लगती है-
घाव गहरा था बहुत
पर दिखता ना था....
दिल भी दुखता था बहुत
पर कोई समझता ना था...
बाद में सब कहते तो हैं
कि हमसे कहा होता...
पर जब जब कहना चाहा
कोई सुनता ना था....
-