sultaan mirzaa ghaalib   (sultaan_mirzaa_ghaalib)
1.3k Followers · 47 Following

read more
Joined 17 March 2019


read more
Joined 17 March 2019

चाँद ख़फ़ा है तेरे हुस्न का नूर देखकर
ज़मीं पे ज़न्नत की हसीन हूर देखकर
क़ुदरत भी हैरान है तुझे बनाकर सनम
इश्क़ की महफ़िल में तेरा फ़ितूर देखकर

-



अपने ज़ेहन में उतार लूँ तेरे दीदार के दो घूँट
फ़िर रहती ज़िन्दगी समंदर से किनारा मंज़ूर है

-


4 JAN AT 21:49

ग़ुलाब सी है
हुस्न की फ़ितरत
शराब सी है




ग़ुलाब क़रीब हो तो आलम महकता है
शराब क़रीब हो तो मौसम बहकता है

-


8 DEC 2023 AT 8:02

अधूरी है तलब, उनके दीदार के बाद भी "सुल्तान"
अब चाँद को रोज़ निहारना भी तो ज़रूरी है ना

-


8 DEC 2023 AT 7:59

शिद्दत से रहेगा उनसे गुफ़्तगू का इंतज़ार "सुल्तान"
एक मुद्दत से मैंने चाँद को बोलते हुए नहीं सुना

-


2 DEC 2023 AT 8:34

हुस्न के इशारे हमारी समझ में आए ही नहीं
इसलिए हमने इश्क़ में हाथ आज़माए ही नहीं

-


2 DEC 2023 AT 8:28

उनके हुस्न की लॉ से रौशन हैं मशालें इश्क़ की
उनके बिना ये स्याह रात हमें जीने नहीं देगी

-


29 NOV 2023 AT 8:18

तुझसे ही सुकून है
तुझसे ही बेक़रारी है
तेरी जुदाई रोज़ा है सनम
तेरा आग़ोश मेरी इफ्तारी है

-


29 NOV 2023 AT 8:13

ज़ेहन में तेरे ख़्याल, ताज़ा कब तलक़
मैं ढोता तेरी यादों का जनाज़ा कब तलक

-


27 NOV 2023 AT 17:53

निग़ाहों में छलकते अश्क़ तेरे हिस्से के हैं
ये गवाह-ओ-शर्मसार भी तो तेरे किस्से के हैं

-


Fetching sultaan mirzaa ghaalib Quotes