दिलों में प्रेम भावना हो तो
कोई घर महान बनता है
एक छत के नीचे वरना
अलग अलग मुकाम बनता है
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जीने के लिए सोचा ही नहीं दर्द सँभालने हो... read more
दिखावे की वस्तु नहीं
महसूस करने की चीज़ है
अगर आप अंदर से सुंदर होंगे
तभी बाहर से भी सुंदर नज़र आएँगे
अपने मन को आईने की तरह स्वच्छ
व निर्मल रखेंगे तो
वही सुंदरता चेहरे पर भी प्रतिबिंबित होगी-
ऊँट अब किस करवट बैठेगा
किस तरफ अपना रुख करेगा
जिस तरफ भी बैठेगा
अपना कोई फ़ायदा नहीं
अब जाग चुका है आम आदमी
वो जान गया है ये सच
कि वो इन्सान नहीं मात्र
कठपुतली है कुछ हाथों की-
आज बारिश में वो बात नहीं
क्योंकि तुम जो मेरे साथ नहीं
भीग गया है सारा आलम
मन की भीगी कायनात नहीं
लगे लौटने नीड़ को पंछी
हुआ अँधेरा अभी रात नहीं
कैसी उदासी छाई फलक पर
तारों की निकली बारात नहीं
ये सौंधी सी ख़ुशबू करती है जादू
क्यों हाथों में मेरे, तेरा हाथ नहीं
खोने से तुमको डरता है ये दिल
वरना डर की कोई औकात नहीं
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शायरी पसंद वो मगर शायर नहीं
दुनिया से टकरा जाए कायर नहीं
मोहब्बत सच्ची करे बिना दिखावे के
दीवाना जरूर है मेरा,मगर पागल नहीं
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क्या खोया क्या पाया जीवन में
इस का ज़वाब ढूंढ़ने में लगे रहते हैं
ख़ुद खर्च हुए, क्या बचा लिया
बस हिसाब-किताब में लगे रहते हैं
ना हँसते ना मुस्कराते खुलकर
असबाब जुटाने में लगे रहते हैं
कभी तो मन भर ज़िंदगी जियो
जनाब कमाने में लगे रहते हैं
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अपनी हर बात मनवाती है
नये नये सुर में गाए गाना
पर सरगम नहीं बताती है
तपती तपती राहों पर
नंगे पांव चलाती है
किसी को छप्पर फाड़ के देती
किसी को बहुत सताती है
आसमान में जितने रंग हैं
उससे ज्यादा दिखलाती है
प्रश्न हैं सबके अलग अलग
पर उत्तर एक बताती है
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यही कि
किसी की जिंदगी से खेलने का
आपको हक नहीं
किसी की खुशियाँ कुचलने का आपको
हक नहीं
जिस आसमाँ पर तारे तुमने लगाए ना हों
उसका एक तारा तोड़ने का कोई हक नहीं
जब मन में कोई चोर हो आपके अगर
तो बाहर शोर करने का कोई हक नहीं
नारी उत्थान के लिए कोई कोशिश नहीं की
तो उसके पतन का चिन्ह बनने का कोई हक नहीं
लग जाती है ज़िंदगी इज़्ज़त कमाने में
उसे तार-तार करने का कोई हक नहीं
(राजा-सोनम केस के सन्दर्भ में)
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