sukrati jain   (~Writer's voice)
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Never stop dreaming because dreams do come true!!☺
My words|your feelings
Joined 30 April 2018


Never stop dreaming because dreams do come true!!☺
My words|your feelings
Joined 30 April 2018
10 DEC 2024 AT 10:35

जिसमें नहीं वादों के पुल, कोई कैसे भी
सब दिल से उसे क़ुबूल, हो जैसे भी
हर भाव में झलके प्रेम ही प्रेम, चाहे हो कुछ भी
कोई नाम देने की शर्त नहीं,
कोई जगजाहिर करने की इच्छा नहीं
जारी है प्रेम जिसमें, जैसा है वैसे ही

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10 DEC 2024 AT 8:13

कल की फिक्र छोड़, चलो आज को जिएं

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10 OCT 2024 AT 19:25

ओ भारत के रत्न
आपने देश-उन्नति के संदर्भ में, पूरे किए अपने सारे वचन
राष्ट्र निर्माण में दिये योगदान ने, भारत की बनायी अलग पहचान
जाने कितनों की जिंदगी ने पकड़ी रफ्तार,जाने कितने चेहरों पर आयी मुस्कान
अगर कहूं! हर युवा के मार्गदर्शक हैं आप, तो गलत नहीं होगा ये कथन
आपके विचार, आपकी शालीनता, आपका व्यक्तित्व, याद रखेगा हर इंसान!! 🙏

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23 JAN 2024 AT 21:50

तो कहहुं और क्यों जावें, किस काजे
शरीर अयोध्या धाम, हृदय राम मंदिर हो जावे

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16 JAN 2024 AT 11:39


शायर कभी मरा नहीं करते
शब्दों में जिंदा रहते हमेशा हमेशा के लिए...

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16 JAN 2024 AT 11:37

मुनव्वर हैं जनाब, कोई मामूली इन्सान नहीं
उर्दू जबां के महकते अल्फाज़ बोलने वाला, है राना सा कोई और नहीं

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16 JAN 2024 AT 11:35

दिल में बस ये मलाल रह जाएगा
राना! तुम्हारे जैसा कमाल अब कौन ही कर पाएगा..

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13 JAN 2024 AT 11:15

हमारे लिए तो सुकून के पल हैं, एक कप चाय
बताइए जरा,आप चाय के प्रति क्या रखते हैं राय?

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13 JAN 2024 AT 10:58

ज़िंदगी में कोई आ रहा है तो कोई जा रहा है
सबके आने जाने में एक बात बहुत खास रही है
कोई साथ रहा नहीं रहा पर चाय हमेशा साथ रही है

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12 JAN 2024 AT 22:55

राम सबके हैं, सबमें बसते राम हैं
हृदय में जिसके राम हैं, उसके बने हर काम हैं
मन माने जिसका राम को, जग माने उसके नाम को
उनसे हो द्वेष भला किसको, एक नज़र से देखें वो सबको
किंचित भी संशय ना रहा कभी, थे राम वहीं हमेशा ही
प्रमाण भी निकले जब सभी सही, मंदिर निर्माण हुआ तब ही
मन में रखो ना कोई बैर कहीं, द्वेष से होता भी भला, क्या किसका ही
अब देर ना होगी बिल्कुल भी, बीती इंतजार की घड़ियां सभी
नगरी अयोध्या राम की,अब पूरी होगी राम से ही
हर हृदय में मंदिर राम का ही, नहीं प्रश्नचिन्ह इसमें कहीं भी
विमुख हुए जो राम से अब भी, फिर भटकोगे जहां में ऐसे ही
हम तो अनुयायी थे राम के ही, और रहेंगे हमेशा ही
तुम भी जप लो राम नाम अभी, हो जाए उद्धार तुम्हारा भी

"प्रमाणित है!जग जाहिर है! जन-जन का यही आदर्श है
राम ही हैं सबके जीवन का आधार, उनसे ही होगा सबका बेड़ा पार"

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