जितना दूर जाता हूं , उतना पास आता हूं मैं । मैं चाहता हूं कि तेरे बारे में ना सोचू , पर चाह कर भी ऐसा नहीं कर पाता हूं मैं । तेरा रूठ जाना गंवारा नहीं मुझे, ये जिक्र तेरे सिवा गैर से नहीं कर पाता हूं मैं । मैं जानता हूं कि तुम मेरी नहीं हो सकती, पर ये बात अपने दिल को नहीं समझा पाता हूं मैं।
जरूरत खींच लाती है प्यासे को कुँए के पास , यू ही नहीं आता कोई तुम्हारे पास रहती है उसको तुमसे कोई आस, अपने हो जाते है पराये और पराये हो जाते है खास, तोड़ देते हैं लोग अनमोल रिश्ते नहीं होता उनको तनिक भी अहसास।
माना कि रास्ते में मुश्किलें बहुत हैं, परिस्थितियाँ तुम्हारे प्रतिकूल है, लेकिन तुम याद रखना- जमाना उन्ही कहानियों को दोहराता है, जिन्होंने अपना इतिहास , खून से लिखा है।
आज मैंने कलम उठायी कुछ लिखने को कागज पे लिखने को मैंने उसे चलाना चाहा काफी प्रयासों के बावजूद वह न चली, जबकि उसके चलने की सारी आधरभूत आवश्यकताएं परिपूर्ण थी। मैंने कलम से उसके न चलने का कारण पूछा उसने पूछा इस समय आप मुझसे क्या लिखवाना चाह रहे मैंने प्रेम और हास्य की कविताओं को लिखने की मंशा जाहिर की । इस पर कलम बगावती स्वर में बोली इस समय ये सब लिखने की क्षमता मुझमें नहीं है अगर लिखने चाहते है तो दर्द लिखए उन आत्माओं को जिन्होंने इस महामारी में अपने प्राण छोड़ दिये।
मृत्यु जीवन का सत्य है। भावना , प्रेम , और काल्पनिकता से युक्त मानव सुख सागर में डूबा रहता है, दुःख रूपी धूप उसके सागर को वाष्पित कर रेगिस्तान बना देती है।