मिटा रहे हो कुछ बनाने के लिए
अंत कर रहे हो आरम्भ के लिए
डरा रहे हो डर खत्म करने के लिए
फिक्र तो नहीं है अब किसी बात की भी
क्योंकि अकेला कर रहे हैं मेरे महादेव
खुद के साथ के लिए-
ख्वाबों की दुनिया
ख्यालों का मंजर
कमबख्त सोने नहीं देती
ये पढ़ाई की झंझट
कभी नौकरी का ख्याल आता है
तो कभी जिम्मेदारियों का बोझ सताता है
कभी शादी से दिल डर जाता है
तो कभी बैरागी बनने का मन कर जाता है
समझ नहीं आता कि क्या है ये जिंदगी
न जाने कब वो बचपन वाला सुकून आएगा
न जाने कब वो नींद वाला बिस्तर मिल पाएगा
जितना सोचा नहीं था उतनी ही फिक्र है अब
न जाने कब इतनी बेफिक्री आ पाएगी.....
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सफर तो बहुत लंबा है
बहुत लोग राहों में मिले
कुछ बस ऐसे ही आगे चल दिए
तो कुछ अपने बन के साथ रह लिए
कुछ ज्यादा तो नहीं है इस जिंदगी में
बस आना और जाना है
मिले तो बस लोगों की याद और साथ
यही तो जीने का बहाना है
ना जाने किस मोड़ पर कोई अजनबी अपना बन जाए
और कोई अपना साथ छोड़ जाए
इसलिए किसी की बुरी नहीं बल्कि अच्छी यादों में शामिल हो.....
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तुम लापरवाह हो जाओ
शायद लोग परवाह करना सीख जाएं
तुम गैरजिम्मेदार हो जाओ
शायद लोग जिम्मेदारी लेना सीख जाएं
तुम कहना छोड़ दो
शायद लोग सुनना सीख जाएं.....
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कहां से लाती हो हिम्मत इतनी
टूटने के बाद बिखरती तो नहीं
जुड़ती हो खुद से और बेहतर निखरती हो
चुप रहने के साथ साथ मुस्कुराती हो
कैसे अपने गम इतने अच्छे से छुपाती हो....-
जिसका भी दिल साफ हो
वो सभी को बताए कि
किस डिटर्जेंट से अपना दिल साफ करते हैं....😄😃-