When Jagjit singh said “ तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो,
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो?”
हम सभी इस मुस्कुराहटों के पीछे अपने सारे दर्द छुपा लेते हैं, किसी को भनक तक नहीं लगने देते अपने दर्दों का, एक मुखोटा हो जैसे अपने सारे ज़ख़्म छुपाने का, कोई यूँही पूछ भी दे अगर कोई अनजान “ क्या हुआ ?”
जवाब यही होता है हर दफ़ा “ कुछ भी तो नहीं।” ये कह कर मुस्कुरा कर बात को टाल देना,
जब की मन अशांत सा चिल्ला रहा होता है की “ सब बेकार है, बेज़ार है”
पर फिर भी मुस्कुराहट के पीछे सारी परेशानी छुपा लेते हैं, और वो सारे ग़म रात को आ धमकते है तन्हाई की दहलीज़ पर, महफ़िल जमाए, उसी वक्त ग़र कोई अपना पूछ लें की - “ आँखो में नमी, हँसी लबों पर, क्या हाल है क्या दिखा रहे हो ?
और आँखो से आंसू छलक पड़ते हैं ।-
अपनी मंज़िल का,
पत्थर और धूल को साथी बना
टूटी डगर पर चल निकला हूं मै,
हां रास्ता भटक गया हूं मै।
ना जाने कैसा सुकून है,
इन राहों में जिसपर चलकर,
बस छाले नसीब हुए,
सारे दर्द छुपाए,मुस्कुरा रहा हूं मै,
खुश हूं कि रास्ता भटक गया हूं मै।
मंज़िल का अब इंतजार नहीं,
की सफर इतना खूबसूरत है,
नम है आंखें,की को साथ नहीं,
जिसे कहते हमसफ़र है,
अकेले ही खुद के निशान छोड़े जा रहा हूं मै,
हां रास्ता भटक गया हूं मै।
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I overslept today because I watched twilight saga all night, it was quite good and amazing fictional story, spending quality time with my family,getting to know more about them.
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Well sometimes,
It's hard to say something,
But silence is not tolerable,
We want someone to open up to us and reach our hand and comfort us and as human beings these expectations are natural.-
इस खामोशी का खौफ है,
जो मेरे अंदर घर कर गईं है,
इस खामोशी का खौफ है,
जो बाहर बसर कर रही है,
खुद को घुमाएं रखती हूं,
घर में,झारोंको की ओर देख कर,
आजकल गली मोहल्लों में भी
रौनक कम दिख रही है,
खूब देख लिए दोगले अफसाने,
अब अपनों की झलक ,
देखने को मिल रही है,
इस खामोशी का खौफ है,
जो मेरे अंदर घर गई है।-
It was easy to let go,
It was hard to keep on,
It was easy to caught you in lies,
It was hard to believe,
It was easy to fall in love,
But hard to leave,
It was easy to block you,
But hard to remind heart,
That you are no longer you..
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If by stating the truth,
Someone estimates you,
A "traitor" then yes,
Be it..-
मुसलसल आग बरसात लगाती गई,
दिल को, दिमाग को,तेरी याद आती गई,
यूं तो हूं मै एक व्यापारी पेशे से,
तेरी जुल्फें मुझे आशिक़ बनाती गई।-
I woke up late,
I did my elective assignment,
I had a brunch
And slept,
Woke up,
Repaired my laptop,
And now writing this,
Learnt a new word,"nubivagant",meaning wandering in the clouds or moving through the air.-