वादा तोड़ा यकीन तोड़ा आखर में दिल तोड़ा
जिसके बग़ैर ना पल गुजरता था उसने तन्हा करके छोड़ा-
आंखे मेरी आँखें ......
शोर मचाती है
दिन में सुर्ख दिखे
रात को नम हो जाती है
आँखे... read more
दिल से उतरा तो
आंखो में जा कर चढ़ गया
इश्क नशा है ऐसा कई
बरबाद जिंदगियां कर गया
-
उसको देख कर
फक्कर करे या मलाल
दिल ज़ख्मी होने के बावजूद
भी वो मुस्कुरा रहा है-
इतने शायर दुनिया में
कोई तो मेरा दर्द लिखो
इश्क खता करके जो पाया
दिल पर कोई कर्ज लिखो
उसकी खातिर मर मिटने को
पूरी तरह तैयार था ,छोड़ गया
वो बीच रास्ते क्या था उसका
फर्ज़ लिखो-
ए खुदा.....
यह शांत खत्म होने को आया है
उसका इंतजार क्यों खत्म नहीं होता-
कभी मिले अगर हम राह में
क्या हाथ मुझसे मिलाओगे?
या अजनबी सा समझ कर
पास से गुजर जाओगे?-
यह इश्क मुझे
बरबाद कर रहा है
दिल में बसा हुआ
इक ख्वाब मर रहा है
आंखो ने नींदों से
याराना तोड़ दिया
उसे कहो कोई जाके
वो तुम्हें याद कर रहा है-
इक रात अधूरी रह गई
मुलाकात अधूरी रह गई
कभी मिले तो पूरी करनी
जो इक बात जरूरी रह गई
-
इस कमबख्त दिल से
अब कोई मार सही नही जाती
मैं शायर था किसी दौर में
अब शायरी मुझे नही आती-