sujeet pandey   (Sujeet Pandey)
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Joined 7 August 2020


Joined 7 August 2020
15 MAY 2022 AT 1:46


एक अकेलेपन की आदत सी हो गईं है
तेरी यादों से साये की चाहत सी हो गईं है
तन्हाइयों में है तू ही होती खयालों में मेरे
ख्वाबों में ही सही, पर तेरे साथ की जरूरत सी हो गई है ।।

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7 APR 2022 AT 16:17

अब शिकवा नहीं किसी से न शिकायत करनी है,
वफ़ा करके देख लिए बहुत अब न दिल्लगी करनी है,
बन मुसाफिर किसी भी घर में ठहर जाना है
सुबह होते ही फिर दूसरी मंजिल पर निकल जाना है
किसी को तकलीफ हो अगर मेरे इस रवैए से,
मैं कहता हूं की फिर मेरी तरफ क्यों आना है?

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7 APR 2022 AT 16:05

ये जो खालीपन है जिंदगी में मेरी
तेरे जाने के बाद से ही तो है,
कोशिश बहुत की मैने महफिलों में जाके,
एक खोना फिर भी कही खामोश सा ही तो है,
अब उम्मीद नहीं कुछ ठीक होगा पहले जैसा,
मेहखानों में भीड़ बहुत है, पर सब खुद में खोए ही तो है।
ये जो खालीपन है जिंदगी में मेरी,
तेरे जाने के बाद से ही तो है ।।

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25 FEB 2022 AT 16:08

मैं और मेरा गम अक्सर कुछ बातें करते है,
हम दोनो तन्हा ही तो है,
वो भी मेरा इंतजार करता हैं हर शाम मेरे घर आने का
मैं भी खो जाता हूं उसके साथ छोड़ दुनिया के सब दिखावे,
दोनो अपनी तन्हाइयों कहानी सुनाते है,
फिर कही जाके चैन की नींद पाते है,
मैं और मेरा गम अक्सर कुछ बातें करते हैं।।

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21 FEB 2022 AT 19:01

एक दिन मैं कही खो जाऊंगा,
तुझसे दूर जब हो जाऊंगा,
किए थे कुछ वादे तुझसे, जब हम साथ थे,
उन्हें पूरा कर, फिर निकल जाऊंगा,
एक दिन मैं कही खो जाऊंगा ।।

तुझे नही चाहिए साथ मेरा
मैने मान लिया मैं ही हूं बुरा,
मेरी बुराइयों के बीच, कुछ अच्छा बता जाऊंगा
मेरे जाने से पहले ये एहसास दिला जाऊंगा,
फिर एक दिन कही खो जाऊंगा ।
अब मैं जाऊंगा तो वापस फिर कभी ना आऊंगा ।।

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6 FEB 2022 AT 16:01

बस यही तक था, जो था
रहा न कुछ भी बाकी अब, जो था,
रास्ते बदल गए है हमारे, मंजिल का पता नही,
एक ही चांद के नीचे चलना अब मुनासिब नहीं,
कदम अलग बढ़ रहे है, कभी साथ जो था
बस यही तक था, जो था।।

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28 JAN 2022 AT 11:16

बहुत हुआ चार दिवारी में रहना,
अब आजादी की तैयारी है,
सींचे है पंख खुद में,
अब उड़ने की बारी है ।

नही है ज़माने का डर,
ना ही कोई लाचारी है,
पूरा है आसमान मेरा,
अब मेरी उड़ने की बारी है ।।

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13 JAN 2022 AT 2:50


बहुत सोच के सोचा है किनारा कर लिया जाए,
फकत तेरी यादों पे गुजारा कर लिया जाए,
एक वो वक्त था जब हम थे अजनबी ही,
आज फिर वोही हाल दुबारा कर लिया जाए ।।

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21 DEC 2021 AT 5:33

मैं जानता हूं तुम किसी और की हो अब
पर मेरे खयालों में तुम मेरी हो
मेरे सोच के हर एक शब्द में
मेरे हर अल्फाजों में तुम मेरी हो
मेरे हर एहसासों में तुम मेरी हो

मेरे डायरी के हर पन्ने में
मेरे कलम की स्याही में
मेरे कविता की हर एक पंक्ति में
मेरी हर एक लिखवात में, तुम मेरी हो
तुम इतनी मेरी हो जहा से मुझसे तुम्हे कोई जुदा नहीं कर सकता
मैं जानता हूं तुम किसी और की हो अब
पर मेरे खयालों में तुम मेरी हो।।

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19 DEC 2021 AT 19:54

उसने मेरी खुशी के लिए जाने दिया मुझको
ये उसका प्यार ही था,
उसने छुपा लिए अपने सारे आंसू
मुझे हँसता देखने के लिए,
ये उसका प्यार ही तो था
उसका सोचूं तो वो नही चाहता था ये दूरियां कभी,
उसने पहली बार मुझसे झूठ बोला,
मेरे सफर को सच करने के लिए
ये उसका प्यार ही तो था ।
उसने मेरी खुशी के लिए जाने दिया मुझको,
ये उसका प्यार ही तो था ।।

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