तु अब तो समझ इंसान,
तु छोटी सी बीमारी से होगया परेशान।
मेरे पेड़ को काटा ज़मीन को बांटा,
किया तूने प्रकृति का अपमान,
अब भुगत परिणाम।।
इंधन को किया बर्बाद,
मुझे बचाया नहीं तूने है तेरा अपराध।।
मेरा इस्तेमाल करता गया,
तेरा लालच बढ़ता गया।।
ना कर तु खुद पे गुरूर ,
मै प्रकृति वरदान हूं ,
ना कर तु अभिशाप बनने पे मजबुर।।
चीजों को दुबारा इस्तेमाल कर,
प्लास्टिक नहीं तु थैला लेके चल,।
पेट्रोल नहीं सूरज की ताप का इस्तेमाल कर,
स्कूटर नहीं तु साइकिल पे चल ।
तेरा पर्याष ना जाएगा वायार्थ ,
बेटा अपनी मां को बचाने के लिए तु है समर्थ।।
तु मेरा उपयोग कर वायपार नहीं,
मै प्रकृति तुम्हारी मां हूं अभिशाप नहीं ।।
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