जब अकेला था तो खुश था बहुत
दुनियां की महफ़िल में आया तो
लोगों ने बदनाम कर दिया-
सिलसिले कहानियों के यूहीं चलते जाएंगे
कुछ हाथ छूटेंगे तो कुछ थामे जाएंगे
रखना होगा कुछ रिश्तों मे भरम भी
ना जाने ये रास्ते कहा-कहा ले जाएंगे
मंज़िल तो एक ही है पर रास्ते आसान नहीं हैं
कहीं पे फूल तो कहीं पे काटें है
कहीं पे मुस्कान तो कहीं पे आंसूं है
तए तो रास्ते अकेले ही करना है
फिर चाहे लाख बहाने पास क्यूँ ना हो
मंज़िल को हासिल तो करना ही हैं।-
Guzri hui zindgi ko yaad na kr
Jo beet gya us par baat na कर
Jo hai abhi pas tere Use sambhal tu
Yun zindgi se kuch fariyaad na kr
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तेरे दर्द को कम तो कर नहीं सकता
तेरे ज़ज्बात को शायद समझ नहीं सकता
गुजर रही है तू जिस तकलीफ से
शायद उसका हिस्सा बन नहीं सकता
फिर भी कहूंगा रख भरोसा इतना मुझपर
तुझे कभी भी मैं अकेला नहीं छोड़ सकता।-
खामोश हूँ खामोशी इख्तियार करता हूँ
इतनी उलझनो मे भी आईना साफ रखता हूँ-
रास्ता दिखाने आया हूँ
साथ निभाने आया हूँ
क्या थामेगी तू इस हाथ को
बस तेरा होने आया हूँ। ।।-
कोशिश करता हूँ
कोशिश करता जाऊँगा
कभी अच्छा तो
कभी बुरा बन जाऊँगा
होगी जब तू कहीं अकेली
तेरे साथ वहाँ भी आऊंगा
कुछ बातें लफ्जों से तो
कुछ बातें बिन कहें बताऊँगा
हाँ कभी मैं तुझे समझाऊंगा तो
कभी खुद नासमझ बन जाऊँगा
रखना बस तू मुझ पर यकीं
तेरा साथ आखिरी साँस तक निभाऊँगा ।।।-
सुनो तुम कभी ऐसा भी किया करो
मैं कभी कुछ ना कहूँ तो
तुम सब कुछ बोल दिया करो ।।।-
हाँ हर उस रात रोता हूँ मैं
जब तुझे नाराज़ करता हूँ मैं
आंसू अपने बहाता हूँ
शायद दर्द तेरे निकालता हूँ मैं ।।।-
मैं बहुत जल्दी ऐतबार कर लेता हूँ
मैं इतने जल्दी ऐतबार क्यूँ कर लेता हूँ-