Suhel Ansari   (Suhel Ansari)
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Joined 2 February 2020


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Joined 2 February 2020
16 MAR AT 19:07

हवाएँ ज़ोर कितना ही लगाएँ,
आँधियाँ बन कर,,

मगर जो घिर के आता है,,
वो बादल छा ही जाता है।।

#सुहेल_अंसारी ❤️

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26 FEB AT 17:08

शौक़ को आज़िम-ए-सफ़र रखिए
बे-ख़बर बन के सब ख़बर रखिए

चाहे नज़रें हो आसमानों पर
पाँव लेकिन ज़मीन पर रखिए

जाने किस वक़्त कूच करना हो
अपना सामान मुख़्तसर रखिए

एक टुक मुझ को देखे जाती हैं
अपनी नज़रों पे कुछ नज़र रखिए।।

#सुहेल_अंसारी ❤️

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26 FEB AT 14:25

ना प्रतिलिपि में नहीं अनुवाद में
मैं उपस्थित हूँ स्नेह के संवाद में

विस्मृति के बगूले में गुम नहीं मैं
मैं रहूंगा सर्वदा आप की याद मैं

हैं रिस रहे जो रक्तअपनी देह से
मैं खड़ा था झूठ के प्रतिवाद में

विषमताओं का यह परिणाम है
पहचान रह गई मेरी अपवाद में

असीमित पीर सारी, मौन किंतु
मैं मुस्कुराता ही रहा अवसाद मैं

इसतरह झकझोर रखी ज़िंदगी
गिद्ध खाए लाश ,जैसे स्वाद में

कितने अंधियारे पिए हैं रात के
सुबह तो आए, कभी मियाद में

मुक्तकों की लड़ी सा गीत- बंध
गूंजते रहेंगे नदियों के निनाद में।।

#सुहेल_अंसारी ❤️

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26 FEB AT 8:36

ज़िंदा है वो कैसे,ख़ुद की लाश लिए हुए
घुटनों के बल बैठा जो अरदास लिए हुए

जमीन तो पाँव की कब की खिसक गई
घूम रहा है सर पे जो आकास लिए हुए

ये बात तो उसकी ग़ैरत की है, वो जाने
हमदर्द भी मिलेंगे पर,उपहास लिए हुए

उमर की चादर पुरानी हो गई है कितनी
तक रही रास्ता कौन सी आस लिए हुए

वो घर का भी पता भूल गया है, शायद
जो कल चला, अपनी तलाश लिए हुए

वो तरसती रही है उम्रभर गजरे केलिए
हम थे उदास,सूखे अमलतास लिए हुए

ठोकर से तंग आ चुका राहों मे पड़े पड़े
पत्थर ज़िंदा रहा यह एहसास लिए हुए।।

#सुहेल_अंसारी ❤️

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25 FEB AT 8:03

बड़े तहम्मुल से रफ़्ता रफ़्ता निकालना है
बचा है जो तुझ में मेरा हिस्सा निकालना है

ये रूह बरसों से दफ़्न है तुम मदद करोगे
बदन के मलबे से इस को ज़िंदा निकालना है

नज़र में रखना कहीं कोई ग़म-शनास गाहक
मुझे सुख़न बेचना है ख़र्चा निकालना है

निकाल लाया हूँ एक पिंजरे से इक परिंदा
अब इस परिंदे के दिल से पिंजरा निकालना है

ये तीस बरसों से कुछ बरस पीछे चल रही है
मुझे घड़ी का ख़राब पुर्ज़ा निकालना है

ख़याल है ख़ानदान को इत्तिलाअ' दे दूँ
जो कट गया उस शजर का शजरा निकालना है

मैं एक किरदार से बड़ा तंग हूँ क़लमकार
मुझे कहानी में डाल ग़ुस्सा निकालना है।।

#सुहेल_अंसारी ❤️

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24 FEB AT 20:04

लोग अच्छे की तलाश में,,

सच्चे भी खो देते है।।

#सुहेल_अंसारी ❤️

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24 FEB AT 15:15

लिबास नहीं हो तुम,
जिसे बदल देंगे,,

तुम्हारी ज़गह ता'उम्र भी,
तुम्हारी ही रहेगी।।

#सुहेल_अंसारी ❤️

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24 FEB AT 13:53

मलाल है मगर इतना मलाल थोड़ी है,
ये आंख रोने की शिद्दत से लाल थोड़ी है!!

बस अपने वास्ते ही फ़िक़्रमंद हैं सब लोग,
यहां किसी को किसी का ख़याल थोड़ी है!!

परों को काट दिया है उड़ान से पहले,
ये ख़ौफ़ ए हिज्र है शौक़ ए विसाल थोड़ी है!!

मज़ा तो तब है कि हम हार के भी हंसते रहें,
हमेशा जीत ही जाना कमाल थोड़ी है!!

लगानी पड़ती है डुबकी उभरने से पहले,
ग़ुरूब होने का मतलब ज़वाल थोड़ी है।।

#सुहेल_अंसारी ❤️

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13 AUG 2023 AT 12:06

मुझे आदत नहीं पलट कर देखने की,,

अलविदा कहने वाले आज भी इंतेजार में हैं।।

#सुहेल_अंसारी ❤️

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12 AUG 2023 AT 9:44

जब चुना ही है,, उसे कत्ल-ए-आम का हुनर
देखकर,,
तो मायूस क्यों हो लाशों का शहर देखकर।।

#सुहेल_अंसारी ❤️

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