खेल मुकद्दर का कुछ इस कदर सा बदला हैसांस लेके भी मर रहे हैं और लेने को भी मर रहे हैं - रूह (सुहास)
खेल मुकद्दर का कुछ इस कदर सा बदला हैसांस लेके भी मर रहे हैं और लेने को भी मर रहे हैं
- रूह (सुहास)