आखिर तुम भी आ गई मेरे बिस्तर-ए-मर्ग मेंआ जो गए हो, मेरे इश्क़ भी तस्लीम कर लो। -
आखिर तुम भी आ गई मेरे बिस्तर-ए-मर्ग मेंआ जो गए हो, मेरे इश्क़ भी तस्लीम कर लो।
-
भुला दिया है उसे ये कहना काफ़ी नहीं होता बिन आंसू बहाकर रात को सोना भी होता है -
भुला दिया है उसे ये कहना काफ़ी नहीं होता बिन आंसू बहाकर रात को सोना भी होता है
छोड़ दिया था जो शहर हमने आज़ वह मेरा घर बन गयाएक तेरे खातिर हमने वो मुश्किल दहलीज़ पार कर लिया। -
छोड़ दिया था जो शहर हमने आज़ वह मेरा घर बन गयाएक तेरे खातिर हमने वो मुश्किल दहलीज़ पार कर लिया।
हजारों पत्थर फेंके लोगों ने, फिर भी एक खरोंच नहीं आईंएक नज़र जो देखा उसने ताउम्र के लिए घायल कर दिया उसने— % & -
हजारों पत्थर फेंके लोगों ने, फिर भी एक खरोंच नहीं आईंएक नज़र जो देखा उसने ताउम्र के लिए घायल कर दिया उसने— % &
नशा शराब का होता, तो एक पल में उतर गया होताइश्क़ का नशा है, आखिरी सांस तक नशें में रहना है — % & -
नशा शराब का होता, तो एक पल में उतर गया होताइश्क़ का नशा है, आखिरी सांस तक नशें में रहना है — % &
ख़ामोश है जिंदगी मगर शोर बहुत हैकैसे सुनाएं वो शोर जो ख़ामोशी ने मचाई है — % & -
ख़ामोश है जिंदगी मगर शोर बहुत हैकैसे सुनाएं वो शोर जो ख़ामोशी ने मचाई है — % &
हंस लें कोई मेरे नादानियों से वह नादानी मुझे पसंद हैरो ले कोई 'गर कोई मेरे समझदारी से ए-रब मुझे मौत दें दें — % & -
हंस लें कोई मेरे नादानियों से वह नादानी मुझे पसंद हैरो ले कोई 'गर कोई मेरे समझदारी से ए-रब मुझे मौत दें दें — % &
तु नहीं मेरा मगर तुझे खोने से फिर क्यों डरते हैंतकल्लुफ सी तेरी अदा को क्यों वफ़ा समझ रहे हैं— % & -
तु नहीं मेरा मगर तुझे खोने से फिर क्यों डरते हैंतकल्लुफ सी तेरी अदा को क्यों वफ़ा समझ रहे हैं— % &
तेरे इश्क़ की मुश्ताक़ है पागल दिल मेराऔर तेरे ही नज़रों से रस्तगारी हमारी — % & -
तेरे इश्क़ की मुश्ताक़ है पागल दिल मेराऔर तेरे ही नज़रों से रस्तगारी हमारी — % &
ख्यालों में तेरे हमने सुबह से शाम किए,हर एक आहट में तेरा इंतज़ार किए।और क्या बताएं हम हाल-ए-दिल अपना तुम्हेंवक़्त बेवक़्त तुझे सोच के मुस्कुरा रहे।— % & -
ख्यालों में तेरे हमने सुबह से शाम किए,हर एक आहट में तेरा इंतज़ार किए।और क्या बताएं हम हाल-ए-दिल अपना तुम्हेंवक़्त बेवक़्त तुझे सोच के मुस्कुरा रहे।— % &