Suhas Kamble SK   (सुहास कांबळे | suhask247)
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Science Student 💉💊
Respect Women 👸❤
Joined 7 July 2020


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22 FEB AT 22:54

एक इकरार बेकरार।

शायद सुबह भी शाम थी जब मिले तुम,
तब हर जगह हुई अंधेरे संग रोशनी गुम।

कुछ हसीन लम्हें थे उनके आगाज़ बने हम,
जो ना दिखे ना सुनाई दे वह आवाज़ सनम।

फिर चूमा एक-दूजे को, आँखों से पीने लगे,
उस वक्त हम पहली दफा जिन्दगी जीने लगे।

उस जाम का ताउम्र अब इल्ज़ाम हम पर रहे,
हर रात बरसात बन, हम सिसकियों संग बहे।

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8 DEC 2022 AT 12:26

एक पल कल।

और अब खफा यह वक्त है, कुछ तेरा कुछ मेरा सा,
हर उस सर्द रात सा जो रहती लेकर दर्द अंधेरा सा।

मेरी बाहों में तुम सोते रहो और मैं करू दीदार तेरा,
फिर हो सवेरा मिटाएं जो यह दर्द भरा सारा अंधेरा।

एक कल आया हमारे घर एक कल पीछे छोड़कर,
आज फिर उससे तुम कहो मुझको खुद पे ओढ़कर।

जाते हो फिर आते हो, पिछले कल और अगले कल,
हम साथ रहेंगे संग हर पल, देखेंगे तुम्हें हम हर कल।

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31 OCT 2022 AT 21:58

एक हार त्योंहार।

आते हो हर सुबह खुशियों की सौगात लेकर,
लौट जाते फिर शाम में, एक और रात देकर।

गर मजबूरी ना होती तो, ना रहते ऐसे कभी दूर,
हर दूरी जो दीवार है, उसे तोड़ेंगे एक दिन ज़रूर।

बाकी नहीं हैं कुछ भी अब, सो गए सब झूमकर,
त्योहारों का मौसम चला गया हर जगह घूमकर।

तुमने सनम शमा बनकर, रोशन किया अपना घर,
मेरी दिवाली तुमसे ही, तुम हर सफर मेरे हमसफर।

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12 OCT 2022 AT 21:29

एक ख़बर बेखबर।

रोज़ हो तेरा दीदार जैसे शमा कोई जली,
हम साथ रहें ऐसे की शाम ना कोई ढली।

बहुत देर हो गई ना कोई ख़बर तेरी मिली,
इस कांटे की आज कैसे कली नहीं खिली?

बड़ी मुश्किल से खोजा उन्हें, हमने हर गली,
भूल गए हम वह दिल अपना हमे देकर चली।

धड़कनों से अपनी तुम्हारी खबर पाकर देख ली,
तुम्हें समझा था मैं फ़ूल मगर तुम हो मेरी तितली।

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11 OCT 2022 AT 11:39

जान, मन और जानेमन।

तुम कशिश सी एक तपिश मैं ठंडी रात सा सो गया,
तुम सवेरा बन मुझसे मिली तो मैं सुबह सा हो गया।

एक रात का यह इन्तजार, लंबा सफर दिल-नशीन,
कुछ तेरे बिन मैंने किया, तुमने किया कुछ मेरे बिन।

तुम मुझसे मिलने आओगे, कहता रहा मैं हर दफा,
खामोशी में कहता रहा ना था मैं तुमसे कभी खफा।

ज़ाहिर नहीं कर पाता, सन्नाटे से घिरा मेरा यह मन,
तुम जान हो और मन भी, तुम हो मेरी जान-ए-मन।

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29 SEP 2022 AT 20:50

कहीं नज़र ना लग जाए तुम्हें मेरे पिया,
देखता रहा मैं हर नज़र जब-तक जिया।

ज़माने की हर नज़र झुकेगी,
जो चाहे दीदार तेरा मेरे सिवा।
तेरे संग ही धड़कन मेरी रुकेगी,
तू मेरी पार्वती और मैं तेरा शिवा।

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26 SEP 2022 AT 21:42

someone's care scares someone.

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21 SEP 2022 AT 21:35

True Partnership in 1 Line

Her handkerchief in his pocket.

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20 SEP 2022 AT 21:48

आयत और शिकायत।

तुमसे टकराना महज़ एक इत्तेफ़ाक हो नहीं सकता,
तदबीर से ज़्यादा मैं तो तकदीर पर यकीन हूँ रखता।

तेरी एक आवाज़ में, मुझे हासिल सारा आवाज़ा है,
तुम्हारे लिए खुला हमेशा मेरा दिल-ए-दरवाजा यह।

उस दिन एक झलक तेरी पाकर सारी रात जगा यह दिल,
ग़ज़ल, नज़्म और शायरी लिखकर नहीं हुआ तू हासिल।

हर सिसकी में शामिल है तू जैसे होता खुदा हर आयत में,
आँसू स्याही नहीं बन पाते लिखी हर सिसकी शिकायत में।

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19 SEP 2022 AT 22:35

2 Things Made Me Happy As a Kid: we see life differently as the word 'LIFE' contains its every letter different. Well, as a kid I was never did good in sports or extra curricular activities. As I grow I did some. But in childhood- nah, not at all. I love puzzles, riddles and questions. I always wonder about life, about me and about everything nearby me. First thing I loved as a kid was collecting different types of stones, magnets, papers and many other things which can be recycled for betterment of waste products. Second was watching movies specially from Hollywood but our cable operator didn't offered us those channels and my family weren't interested in watching it. Watching daily soap and other dramatic shows was really helpful in language learning. I learnt Hindi from television. Now I am trying to learn a fluent English by reading. That's how I saw a life as kid and now I see a life indeed.

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