एक लगी जिन्दगी।
बस एक घूँट यह जिन्दगी, प्यास है दिल्लगी,
बेबस है समंदर, आग दिल-ए-जिस्म में लगी।
आग-ए-ज़हर जुदा कर, तुमने प्यार पिलाया,
बाहों में भर प्यार कर फिर आगोश में सुलाया।
नाम तुम, हर काम तुम, मेरी जान, हर साँस,
जाम तुम, अंजाम तुम, प्यास आस अहसास।
ज़हर ने की खुदकुशी, मेरी खुशी तुमसे जगी,
उस शाम तुम मिली, मेरी जिन्दगी जीने लगी।-
पुकार और इन्तजार।
मेरे बदतर हालात, तेरी ना उम्मीद हर दुआ,
मुलाकात-ए-दीदार भी हुआ धुआं अनछुआ।
दस्तक हुई तो ऐसा लगा वक्त मिलन ले आया,
घड़ी ने सहेली बन तुम्हें भी हर पल है सताया।
करीब होकर मुलाकात की तरकीब ना मिली,
फिर मैंने तेरी निगाहे अपनी निगाहों से पी ली।
मोहल्ले में तेरे आकर मैंने तुझे पुकारा हर बार,
तुमने भी किया हर पहर मेरे आने का इन्तजार।-
एक आदत इजाज़त।
चुप रहने से अच्छा सब कुछ कहना होगा,
रोना-धोना, पाना-खोना ऐसे ही चलेगा।
इजाज़त पाने की मुराद तकलीफ़ होगी,
जो हम तुम्हें दे दे और आप बैठी रहोगी।
कह दो तुम आगोश में हम से लिपटकर,
बह लो हमबिस्तर होकर फिक्र सिमटकर।
हर लफ्ज़ लबों से पिलाकर जो दर्द हमें दोगे,
तो कल सुबह हमराज बन, हमदर्द हम होंगे।-
दिल और मंज़िल।
आदत इबादत शहादत बन चुके,
सहमत सलामत अमानत बन रुके।
मेरी हमदर्द, तुम हर दर्द, हर मर्ज का,
सहारा-किनारा, सितारा आसमान का।
अपने चलते रुकते बदलते इस सफ़र को,
मेरा हमसफ़र हमनवा हमदम करूँ तुमको।
मिलकर बिछड़कर फिर मुलाकात हो दिल की,
यह रुखसत मकसद और मंज़िल है जिन्दगी की।-
And here's my love for you
Became poem like what I'm.
Criticize with open heart
Do justice with this art, sweetheart. :)-
प्यार और तकरार।
बारिश मेरी कुछ तेरी सी रोने लगी बन के मलंग,
कुछ रातें बरसातें कुछ, तुम्हें पाने की तुमसे जंग।
झगड़ा हुआ तुमसे मेरा गलती मेरी हैं मैंने माना,
तुझ से लड़ा तेरे लिए, सिर्फ मेरी हैं तू मेरी जाना।
तेरी कमी तरसाती हैं, तेरी तलब यादों के संग,
मेरी हैं तू मेरी रहे, सब नियती और यह प्रेमरंग।
तुम्हारे संग रहने का मिला यह एक और बहाना,
जिन्दगी का मतलब मैंने तुम से मिल के जाना।-
ख़्वाब और जवाब।
मिलना तय किया शायद साथ लेकर बरसात,
बारिश महज़ बहाना संग आंसूओं की सौगात।
सहों, सुनो, गले लगाकर मुझे बता दो तुम सब,
कहो, चुनो मिले जो आँसू और कुछ लफ्ज़ अब।
वजह की चाहत में हुई सिसकी से मुलाकात,
तलाश थी एक बात की मिले उनके जज्बात।
आज फिर मैंने देखा उनका एक और ख़्वाब,
निगाहें, कुछ सवाल, कुछ आँसू और जवाब।-
एक खास एहसास।
जरा आईने के पीछे, कुछ खो गया हैं,
तुझ में ही रहता हूँ, तो कहाँ गया मैं?
कुछ भी कहते हो, मेरे संग हमेशा रहते हो,
तुम ही मेरे दर्पण हो, दिल और धड़कन हो।
खिल जाती हूँ हर बार, पाकर तेरा एहसास,
मैं भी तेरा दीदार कर, करता महसूस खास।
मेरी यहीं है आस, तुम रहना हर पल पास,
तेरी नियती तेरी है, तुम नियती के सुहास।-
Her name, his name, birth date, incorrect, none!
And accidentally her right thumb unlocked his phone.-