चाहत की राहत।
कोशिशें, मंज़िले, नाम-ओ-मकाम,
यह राहें, निगाहें रहती रहे गुमनाम।
नहीं आसान, यह दूरी भरी मजबूरी,
नादान रूठें झगड़े, कईं बाते अधूरी।
एक दफा मिलने, तुम आना ज़रूर,
की माफ़ी मांग के मैंने माना कसूर।
मैंने चाहत लिख की पेशकश खुमारी,
राहत बन मेरी, तुमने नज़र है उतारी।-
एक बेखबर हमसफ़र।
जगह नहीं मैं था, कुछ इधर, कुछ उधर,
वजह थी, चैन था, बिखरा सा दर-बदर।
सपने थे मेरे अपने से मैं नींद सी उम्मीद,
कभी पूनम का चांद, कभी दीद भरी ईद।
चौराहा याद है मुझे, ख़्वाबों सा यादगार,
पुरानी राहों फासलों का पुराना राज़दार।
अकेले गुजरता सफ़र मंज़िल ही हमसफ़र,
पर बेखबर चल रहा, हासिल हो राह खबर।-
हर चीज़ अज़ीज़।
इकट्ठा किए हैं मैंने दस्तूर कईं,
कुछ मंजूर, कुछ मजबूर सहीं।
ना लिखें ना पढ़े, बस अपनाए,
ना खरीदे ना लिए, खुद बनाए।
वे आएं संग लाएं, बरसात नईं,
चाहता हूँ छाता, जो साथ नहीं।
रैना बरसे मैं बरस के दोनों बरसाएं-
एक-दूजे को थोड़ा-थोड़ा आगे बढ़ाएं।-
एक घर सफर।
हद सरहद, राहें निगाहें,
डर के दर पे सर रखा है।
अब तेरा ही साया, मेरी परछाई,
जब तुम ना थी तब भी याद आई।
गीले शिकवे कई जो बीते बिताए,
तो तुमने मुझे, ऐसे ख़्वाब दिखाए-
जैसे, मैं चलता रहा तुम थी नहीं,
सुकून से ठहरा जहा तुम थी वहीं।-
सपने और अपने।
उम्मीदों के उस पार अंजाम यह हुआ-
इधर ठहरी नदी; है उधर गहरा कुआं।
मैंने तोड़ा मुझे महज़, थोड़ा उस दिन,
टूटा इस तरह जुड़ना था ना मुमकिन।
नींदों में जुनून सा बिखरा सुकून था,
अतीत मेरे अज़ीज़, चुभन भरी ख़ता।
सहर के संग लौटे जिन्दगी और हम,
सूरज खिलता वहां मिलता यहां ग़म।-
मन और बचपन।
जब खुशियों की सौगात बांटने आ गया मुकद्दर,
मैं बनने लगा, दर्द और तकलीफों का सिकंदर।
मैंने लिखे थे ख़्वाब, कुछ फटे तो कुछ खो गए,
पतंग उड़ाने की उम्र से, मेरे मज़ाक उड़ने लगे।
जब चुन रहें थे लोग, काफ़िले स्वार्थ कपट भरे,
मैंने चुन लिया था बस खुद ही को जिए या मरे।
मेरी चाहत शायद खफ़ा होकर बड़ी हुई मेरे संग,
वह भी मेरे साथ पा रही है अकेलापन बने बेरंग।-
एक आग राग।
जिन्दगी क्या है कोई समझा दे तो अच्छा होगा,
रोते नहीं हंसना है तब, जब चोट मिले या धोखा।
देखे मैंने उजाले कईं और सोहबत में घेरा अंधेरा,
दोनों ही मुझसे रूठे हुए जैसे टूटे- घर डेरा बसेरा।
कोई कभी नहीं आएगा ना ही साथ आकर बैठेगा,
जो भी हो मन से सभी, साझा करो सब सुन लेगा।
अंगारों से कह दो जरा, कुछ खास नहीं कहर तेरा,
खुद को जलाता हूँ, बैर आग से नहीं मुझसे है मेरा।-
Windows closed, door locked.
I'm inside! They
left for my cremation.-