मन और बचपन।
जब खुशियों की सौगात बांटने आ गया मुकद्दर,
मैं बनने लगा, दर्द और तकलीफों का सिकंदर।
मैंने लिखे थे ख़्वाब, कुछ फटे तो कुछ खो गए,
पतंग उड़ाने की उम्र से, मेरे मज़ाक उड़ने लगे।
जब चुन रहें थे लोग, काफ़िले स्वार्थ कपट भरे,
मैंने चुन लिया था बस खुद ही को जिए या मरे।
मेरी चाहत शायद खफ़ा होकर बड़ी हुई मेरे संग,
वह भी मेरे साथ पा रही है अकेलापन बने बेरंग।-
एक आग राग।
जिन्दगी क्या है कोई समझा दे तो अच्छा होगा,
रोते नहीं हंसना है तब, जब चोट मिले या धोखा।
देखे मैंने उजाले कईं और सोहबत में घेरा अंधेरा,
दोनों ही मुझसे रूठे हुए जैसे टूटे- घर डेरा बसेरा।
कोई कभी नहीं आएगा ना ही साथ आकर बैठेगा,
जो भी हो मन से सभी, साझा करो सब सुन लेगा।
अंगारों से कह दो जरा, कुछ खास नहीं कहर तेरा,
खुद को जलाता हूँ, बैर आग से नहीं मुझसे है मेरा।-
Windows closed, door locked.
I'm inside! They
left for my cremation.-
नींद दीद उम्मीद है अफ़साना ।
पलकों जुल्फ़ों में संग समाना ।
तुम हो सच्चाई, फ़रेब जमाना ।-
, there's always a reason.
The reason to stay away. The reason to go away. And the reason to come back to you anyway. But like the Moon shows everyday, someday a piece alone, someday peacefull. Applies on me someplace as well. I am cursed like a Moon to disappear someday. Sometimes you see me alone and distant. This is my curse in which I don't want to include you. But like the Eclipse; it happens always in this relationship- we see our soles in darkness at some where someplace.
But (of course this is another reason),
as the curse exists the blessing as well. Our relationship is that blessing and I'm blessed with you. Let the New Moon become a Full Moon. Lets Wait for it. I'll return into myself for you, to find you finding me. All I want to hear now from you is- I agree with you!-
एक कहानी नईं।
लिबाज़ और सांस से वाकिफ ना थे,
हम नाम और शाम के सहारे हां मिले।
गिरते बूंद में और आँख मूंद के उन्होंने,
देखे ख़्वाब हसीन कुछ मंजर थे घिनौने।
आप सुबह शाम रात साथ सवेरे भी बने,
सपने हकीकत संग पल गुजारे कई हमने।
हमराही बन जाना अब चलते हैं वहीं कहीं,
ना दूरियां मजबूरियां, हम तुम कहानी नईं।-
दूर मधुर दस्तूर।
प्यार बेतहाशा कहां बया करूं कैसे,
तुम साथ मेरे हमेशा यहां सांस जैसे।
वहां तेरी आहट मेरे बिना रह ना पाएं,
तुम चूम लेना मुझे, आँसू बह ना जाएं।
दरमियां मुहब्बत के फूल खिलते रहेंगे,
कांटे भी बिछड़न के हम संग तेरे सहेंगे।
फिर होगा दस्तूर-ए-इश्क मंजूर जो मिलेंगे,
तो कहानी नईं, फ़ूल हजार कांटे सौ खिलेंगे।-