इन दिनों मेरे हयात मैं ना किसी की रफाकत थी
फ़ोन में उसकी तस्वीर देख मुस्कुराता रहा रात तक
ये जो बंजर है मेरे दिल की जमीं
माज़ी की याद मैं दिल मुरझाता रहा रात तक
- सुहास घोके
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That's a lie , No one forgets his love
Even this can't last forever , he replied
Years later a piece of art that stayed with him forever turned
MASTERPIECE .
- Suhas Ghoke-
पागलपन का खुमार मोहब्बत मैं फिर दोहराया जाए
मेरे लिखे हुए गीत गजल सबको सुनाया जाए
इश्क मैं ना-उम्मीदी, लाचारी लिए बैठे है
अपनी नाकामी लोगों से कैसे बतलाया जाए
ये इश्क बड़ा अजीब मसला है
वो खुदा नहीं उसको बताया जाए
कहने को दोबारा कोशिश कर रहा
अब सब छोड़ एक नया इतिहास रचाया जाए
मिटाता रहा नफरत की दरारों को
मगर याद रहे इंसानियत ना भुलाया जाए
सारे यही बात कहते सुकूं तो भूलने में है
उन सारी यादों का सिलसिला कैसे मिटाया जाए
वो पुरानी बातों को फिर क्या दोहराना
जो जुबा पर है उसे कैसे छिपाया जाए
- सुहास घोेके-
गुमाँ हैं बख्शी खुदा ने ये दौलत यारी की,
है जहां में सबसे ऊंची शौहरत यारी की।
- सुहास घोके-
टूटने का ख़्वाब जो पनपा मैं बिकरने लगा हु
उसकी मुसकुराहट देख सवरने लगा हु
तू मिल जाए किसी क़िताब मैं गुलाब की तरह
इस उम्मीद के खातिर मैं निखरने लगा हु
आंखे हर पल तड़पती है तेरे दीदार के खातिर
तस्वीर तेरी पाकर मैं मचलने लगा हु
तेरा खिड़कियों मैं अब ना देखना उदास करता है
मैं अंदर ही अंदर झुलसने लगा हु
अरसो बाद बड़ी दूर जाकर मिले हो मुझे तुम
इस खुशी के मारे मैं चहकने लगा हु
लोग अक्सर पूछते है हाल -ए -दिल मेरा
जवाब मैं उसका नाम पुकारने लगा हु
अब तो खुल कर रोई भी जमाना हुआ
दर्द अपने अंदर ही छुपाकर मुस्कुराने लगा हु
- सुहास घोेके-
ख्वाईश है आज भी उन्हें पाने की
मशक्कत जारी है हाथ मिलाने की
है तू अनजान , हाल मेरा तुझसे ही मिलता है
अब कोशिश न कर मुझे बचाने की
यू मारा मारा फिर रहा एक रोटी के लिए
काम काज रहा हु उसे कमाने की
वो दुल्हन बन मेरे सामने रूकसत हुई
खुदा ने ये कैसी आजमाइश की मिलाने की
छोड़ आना सारे रियासत, रिवायत तुम
मुझे फिक्र नहीं इस जालिम ज़माने की
- सुहास घोके
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छोड़ कर उसकी सारी यादें मैं इधर आया हूं
ख़ैर अब उन गमों से उभर आया हूं
और कितना अभी टूटना है मुझे
मैं तड़पने की हद से गुज़र आया हूं
- सुहास घोके
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एक उम्र गुजार दी उसे चाहने मैं ....
इश्क मैं कुछ बाते भूल जाऊ मुझे ये गवारा नहीं
ये मेरा प्यार इतना भी आवारा नही
- सुहास घोके
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कब तक न बोलूं की तुम्हारी याद आती है
जुबां ख़ामोश रक्खूं तो नज़र सब बोल जाती है
- सुहास घोके
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