Suhas Bansod   (सुहास)
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Joined 1 November 2018


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11 FEB 2023 AT 11:02

बिना वादों का इश्क़ आज भी ज़िंदा है
यकीं न हो तो एक-तरफ़ा वालों से पूछ लो !
हाँ कोई हाँ नहीं कहेगा,
अरे! एक बार आँख बंद तो करो
यकीं से कहता हूँ कोई ना नही कहेगा

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19 NOV 2022 AT 16:07

अरे ओ आदमी ! सुना है
आज दिन है तेरा
चल किसी को मनाते है
अपना भी दिन मनाते है

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8 NOV 2022 AT 19:06

आपके अपने भी चले जायेंगें
दिल तोड़कर ,मुँह मोड़कर, दुनिया छोड़कर
टक-टकी लगाए ,मुँह ताकते रह जाओगे
खुली आँखों से, टूटे दिल से,
सवाल एक ज़ेहन मे उभरेगा !
ऐसे कैसे हो गया ? 🤔

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3 NOV 2022 AT 9:59

मैं ही समझदार हूँ ,यही बड़ी बेवक़ूफ़ी हैं।
मुझे सब माफ़ कर दें ,यही सबसे बड़ी ग़लती है ।
मैं ही सच कहता हूँ ,यही सबसे बड़ा झूठ है ।
मैं ही विश्वास योग्य हूँ ,यही अति आत्मविश्वास है ।
मैं ही करता हूँ अच्छे कर्म,यही सबसे बड़ा है भ्रम ।
मैं ही सही हूँ ,यही बड़ी ग़लतफ़हमी है।
फिर मैं हूँ क्या ?
जो तुम समझते हो वही नहीं हो !!
तुम पूर्ण नहीं हो 0

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27 SEP 2022 AT 10:00

मैंने एक ज़मीन ख़रीदी कुछ रुपए बचाकर
फ़िर उस पर घर बसाया,घर पर एक मज़बूत दीवार थी
मै वहाँ पूरे परिवार की एक सुंदर तस्वीर लगाना चाहता था,
उसे टाँगने के लिए जहाँ मैंने किल ठोकना चाहा,
मुल्तानी मिट्टी के रंग की दीवार पर दरारें ना हो
और किल भी गड़ जाए
इसलिए मैं धीरे-धीरे हल्के हाथों से ठोक रहा था,
दीवार और उँगली बचाने के चक्कर मे
हथौड़ा मेरी उँगली पर लग गया ,मेरा अपना ख़ून बह गया ,
दीवार पर माथे की बिंदी जितना ख़ून का निशान लग गया, ज़मीन, दीवार, किल, हथौड़ा, सब ख़रीदा हुआ था
मेरा अपना जो था ,वो तो बह गया,
दीवार पर कुछ दाग़ रह गया

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22 SEP 2022 AT 20:47

बता दो सभी को
की हम टूट चुके हैं
आख़िर पता तो चले
हमें कौन जोड़ने आता हैं

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16 SEP 2022 AT 13:35

गाँव का
कारीगर
अपना घर
चला रहा है
अपनी
कारीगरी से
शहर बना
रहा है

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15 AUG 2022 AT 20:46

मिट्टी का मटका मिट्टी की काया
मटकी का छुआ पानी ,उम्र आँठ, नाम इंद्रकुमार
इंद्र को पानी के लिए पड़ी जान गँवानी
द्रोण की मानसिकता ने खींच दिए इसके कर्ण,
एकलव्य का अंगूठा माँगा और इसने बच्चे की आँख,
द्रोण के लिए उच्च है उसकी नाक ,
कौन करे इसका आकर रक्षण ?
लडाई धर्म की नही, ना ही जात की,
लडाई है मानसिकता की ,
घटिया मानसिकता के ग़ुलामी की,
आज़ाद करो ख़ुद इसे अपने ज़ंजीर से 😔

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11 AUG 2022 AT 5:47

भाई रूठ जाए तो बहन मना लेती है
भाई क़रीब हो या सात समुंदर पार
बहन बात कर लेती है , कैसा है ?
बुला लेती है,आ जा, कब आ रहा है ?
बहन अच्छी या बुरी नहीं ,
नटखट ,शरारती , ज़िम्मेदार होती है
घर पर माँ ना हो , तो बहन होती है ।

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4 AUG 2022 AT 19:47

जन्म से लेकर साँस ख़त्म होने तक
बड़े होते रहना अच्छा है
साँसें चलते रहने के लिए
दिल में एक बच्चा रहना अच्छा है

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