ऐसा क्यों खाली सा मन है... ना दिल में जज्बात आते हैं, ना किसी का ख्याल आता है....
बस खिड़की पर बैठे नजर लगाए दिन निकल जाता है।
ऐसा क्यों खाली सा मन है... कि मुसाफिर की अब कोई मंजिल नहीं,
बस तेज हवाओं के साथ उड़ते जाना है।
ऐसा क्यों खाली सा मन है... कि रात का इंतजार है, और चांद को बस तकते जाना है,
ना शब्द है, ना सवाल है, बस उसी पल में समय के साथ थम जाना है।
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*Broken warrior*
Said nothing but felt something
The silence that was loud,
Solace was never found when looked around...
Holding hands with Vasudev was the only way he found,
When the mind was at war,
Peace was afar...
Cracks cemented to live and fight again
Broken warrior rose upto the tides again...-
If my heart aches or flutters, I can't say
If I'm lonely or Okay on my own, I can't say
If I want to be understood or happy being misunderstood, I can't say
If I'm always wrong or never right,
I can say... Not enough....-
बंद कमरे की कहानियां हज़ार हैं,
कभी आंखों उमड़ता सैलाब है
कभी सवालों से जूझता मन बेहाल है...
दीवारों में घिरी अनकही बातों की घुटन और
आने वाले कल की खामोशी है...
खुले आसमान में मुस्कुराहट के परदे,
और बंद कमरे में खुलते ज़ख्म हैं।-
बिन कीमत के बिक गए, बस यह ख्याल आता है
जब ज़िक्र अतीत का आता है...
इश्क था ना जो, छल था वो,
आज भी मन के नासूर जख्म का दर्द उभर आता है।-
एक शाम सुहानी होनी थी, वह पतझड़ सी सुनी पड़ गई..
दिल की धड़कनों से सजी संगीत भरी शाम होनी थी, क्यों वह होंठों की खामोशी से अधूरी रह गई..
चांदनी रात में बस एक अपनी परछाई साथ थी,
क्यों साथ देने में कमी रह गई..-
कहे क्या, कहने वाली बात नहीं
सुनोगे क्या, शब्दों वाली बात नहीं
कभी तो आइने में देख उसे...
आंखों में उसकी खामोशी क्यों है सजी।
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कुछ तस्वीरों से नफरत है मुझे,
फिर भी एक कोने में छुपा रखा है...
कैद हो गए हैं कुछ ऐसे पल,
जैसे तूफान के पहले का सन्नाटा है।-
चहकती चिड़िया को क्यों खामोश किया..
ना उड़ती है ना गाती है
बस पंख ओढ़ के सो जाती है।-