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चेहरे से ज्यादा दिल का अच्छा हूँ
मेरी सादगी मेरे श... read more
कई बार हम असमर्थ होते है भाव प्रकट करने में
अच्छे मित्र होकर भी हम अपने मित्रों को
जता नहीं पाते
कि हम उनके कितने अच्छे मित्र है
इसके बाद भी अगर कुछ मित्र
हमारी मित्रता को असाधारण मानते हैं
तो हमें खुद को
खुशकिस्मत समझना चाहिए
क्योंकि हमारे पास दिखावे की भीड़ में
कुछ गिने चुने अपने है
जो यकीन रखते है जानने से ज्यादा मानने में।-
हमारे बीच प्रेम जैसा कुछ नहीं है
न ही कोई आकर्षण
बस एक नाज़ुक सा रिश्ता है
जिस से हम जुड़े हुए है
कई जगह हमारी पसन्द मिल जाती
और कई जगह हम एक दूसरे की
नापसन्द का सम्मान कर देते
शायद इसलिए मुझे यकीन है
एक दिन जब हम बिछड़ेंगे
तब हमें ऐसा लगेगा
जैसे हमसे कोई हमारा
सबसे करीबी बिछड़ गया है
ऐसा करीबी जिसके जैसा
फिर कोई नहीं मिल सकता है, कोई भी नहीं।-
और एक दिन
गुजरते वक़्त
के साथ
तुम पाओगे
जिन वजहों से
तुम दुःखी थे
वे वजहें बेवजह थी।-
कई बार भाग्य पर यकीन नहीं होता
एक संशय सा रहता है
लेकिन जब मुस्कुराते हुए
माँ बाप के
चेहरे दिखाई देते है
तो अनायास ही मन
कह उठता है
हम कितने भाग्यशाली है
कि हमारे भाग्य में
माँ बाप का प्रेम है
क्योंकि कई लोगों के भाग्य में या
तो माँ बाप नहीं होते या उनका प्रेम नहीं होता।-