त्यौहारों पर मेरे घर यूं प्यार से बुलाया ना कर,
बिन नौकरी यूं गांव जाना अच्छा नहीं लगता..-
sudhanshu yadav
(सुधांशु.✍️)
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कुछ जुदा किस्म के जज़्बात है हमारे , कभी हमको समझने का तकल्लुफ तो कीजिए।।
अपने कर्म नाम की
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अपने कर्म नाम की
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Joined 7 May 2020
22 OCT 2021 AT 14:33
13 JUN 2021 AT 8:40
आप बस किरदार में हैं अपनी हदें पहचानिए
वरना फिर एक दिन कहानी से निकाले जाएंगे..!!-
4 MAY 2021 AT 10:08
सफल जीवन के पीछे मेहनत कड़ी है
..
तूफानों से जूझकर अाई हैं,
जो भी कश्तियां किनारें खड़ी हैं.!-
15 APR 2021 AT 17:10
एक उम्र बीत चुकी है
तुझे चाहते हुए
और तू आज भी बेखबर है
कल की तरह....!-
11 APR 2021 AT 13:05
छेड़खानी कर दी कैलेंडर से.. इस उम्र नें..
जनाब;
अब वो खेलने वाला इतवार... फिकरों में ही गुजर जाता हैं...!!-
4 APR 2021 AT 11:04
हार कर दुनियां की जंग
मिला हमें उसका संग
दर्द सारे भूल गए हम उसके संग
-
31 MAR 2021 AT 9:26
बुलंदियां खुद ही तलाश कर लेंगी तुम्हें,
बस हिम्मत ना हारना मुश्किलों में लड़ने का..!!-
28 MAR 2021 AT 9:31
रेत की सड़क पर चंद निशान ढूंढ रहा हूं,
हूं तो सफ़र में पर मुकाम ढूंढ रहा हूं।
कहने को तो भविष्य से भरी एक दुनियां है,
बेवजह ही सही, पर उनमें वर्तमान ढूंढ रहा हूं।।-