हाँ डरती हुँ मै
(READ IN CAPTION)
-
दिन 12,
मिराज 12,
पाकिस्तान को सीमा पार घुसकर मारा।
अमंगल पर मंगल'वार' कर डाला,
पवन-पुत्रों ने लंका का दहन कर डाला।
26 जनवरी को गणतंत्र और अब,
26 फरवरी को रणतंत्र के रूप में
इतिहास के पन्नों में लिख डाला,
इस दिन को अमर कर डाला,
इस दिन को अमर कर डाला!
सबूत मांगता पाकिस्तान अब ताबूत गिन रहा है,
पाप की कीमत चुका रहा आतंकी,अब कब्र को तरस रहा है|
आज फिर हिन्दुस्तान उन जवानों की शहादत को याद कर रहा है,
तेरहवीं पर उन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दे रहा है!-
चुनाव की तारीख से पहले!
युद्ध की तारीख का ऐलान हो!!
पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीति नहीं!
'कूट'नीति का इस्तेमाल हो!!
व्यर्थ नहीं जायेगा हमारे जवानों का बलिदान,
सौगंध है भारत माता के वीर सपूतों की..
ऐसा खूंखार बदला लेंगे इस कायराना हरकत की,
कि काँप उठेगा पूरा पाकिस्तान!
-
आ गया वो दिन,
जब एक दिन के देशप्रेमी जाग उठेंगे।
स्वतंत्रता मिली थी अंग्रेजों से हिंद को; लेकिन फिर भी अंग्रेज़ी में,
Happy Independence Day कहेंगे!😒😏-
छोटे बच्चे में भी इतनी तमीज़ होती है
कि जब वो अपनी मां के सीने से लगकर दूध पीता है
तो अपनी आँखें बंद रखता है,
और फिर कुछ दरिंदे तुझ जैसे भी हैं
जो हर मासूम और मजबूर बच्ची का बलात्कार करने के
हरसंभव मौके ढूंढता है।
आज तू ये राज़ खोल ही दे
ऐसा कौन सा स्वाद है जो तुझे
तेरी मां के हाथ के खाने में नहीं मिल पाता है?
जो तू इस कदर
भूखे भेड़िये जैसे उस
मासूम के जिस्म को नोंच खाने को भागता है।
-
She yielded to fear and anxiety's hold,
Crying out for aid, her plea bold;
Yet greeted with clichéd counsel and pity's cold mold!
Her once vibrant spirit now veiled in gloom;
Life's allure vanished, consumed by an endless tomb!
Her anguish unhealed, a perpetual plight;
All she saw was darkness, an unyielding night!
Pain's relentless grip, hope's remnants defied;
Longing for release, she embraced death's tide!-
मेरी कमज़ोरी यही है की -
मैं देख नहीं सकती तुम्हारी मैली नीयत;
मैं सुन नहीं सकती तुम्हारे घटिया ख्याल!-