"परिस्थितियों के अधीन है आचरण,
मितव्ययी होना स्वभाव नहीं होता।"-
#suddenwriter_brahmbhatt
“गुर्राना किसी का तबीयत से शरीफ उनको बना गया,
हम यूँही तहज़ीब से भाईचारे में बदनाम होते गए।”
-
सब्र का गहरा इम्तिहान सा
सादगी भरी पहचान हूं मैं।
फूटता फिर जरा बुलबुलों सा
बेदाग बिन कर्जे सा महान हूं मैं।
डरने वाला धोखों से अक्सर
जरा भीड़ से अलग इंसान हूं मैं।
वफादारी भरी कस्ती लेकर
खुद में खुद की पहचान हूं मैं।-
छिपी हैं रोशनी इन अंधेरों में कही
कुछ देर ठहरो तो सही इत्मीनान से।-
Fundamental of survival
Just close the eye and let it be.......-
मासूमियत भरी मौत है गरीबी
यहां चर्चा भी शहादत मांगती है।
जहां निशब्द होती हैं मानवता दबकर
वहां चमकती हैं राजनीति अक्सर ।
जीना मुश्किल लगे मरना बेहतर
अपने घरों के चिरागों को खोकर।
दोषी कहूं क्या उस जर्जर इमारत को
या बहरे और अंधे राजनीतिक ठेकेदारों को।
#झालावाड़-
संग्राम विचलित मेरे मन का
खाक समझ तुम पाओगे।
झूठी कस्ती पर बहने वाले
संघर्ष कहां तुम कर पाओगे।
क्षणिक अमीरी में जीकर
साथ क्या ही लेकर जाओगे।
कर्म प्रधानी स्वभाव हमारा
हमसे धोखा क्या कर पाओगे।
-