अगर तुम्हें मिल जाये प्रकृति से भी खूबसूरत नज़ारे तो बताना मुझे मैं उसी पल अपने सारे बंधनो को तोड़ कर तेरे पास आ जाउंगी। अगर मिल जाये तुम्हे इन पहाड़ो से भी अधिक कही सुकून तो मुझे बताना तो अपने सारे पुराने सुकून को पल भर में छोड़ कर आ जाउंगी।। अगर मिल जाये तुम्हे कही वादियों में फैली ऐसी हरियाली तो बताना मुझे मैं अपनी पुरानी सारी हरियाली छोड़ कर आ जाउंगी।।। अगर मिल जाये तुम्हे कही कल कल बहती नदियों की धारा तो बताना मुझे मैं अपना मनपसंद संगीत छोड़कर आ जाउंगी।।।। सुचित्रा
गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम अपनी मातृभूमि से वादा करते हैं कि हम अपनी संस्कृति विरासत धरोहर और हमारे खजाने को समृद्ध और संरक्षित बनाने के लिए हम सब कुछ करेंगे।
Desolation's desert. I'm here with shadows of your voice, your lips as mirage, now trembling, Grass and dust of distance have let this desert bloom with your roses.