वजह चिल्लाने की अज्ञात,
ऊहापोह भी,
क्या बहरे हैं "उनके वाले"?
प्रश्न अनुत्तरित जोह रहा बाट,
आज भी कबीर का
सैकड़ों सालों से।
खड़ा कर रहे अब तुम भी
एक और प्रश्न,
'लाउडस्पीकर' बाँट-२ के,
कबीर भौंचक सोच रहे,
बहरे हो गए साहिब !
क्या अब .. "तुम्हारे वाले"?— % &-
रूढ़ियों को लोग इसलिए मानते हैं, क्योंकि उनके सामने रूढ़ियों को तोड़ने वालों के उदाहरण पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं।
- राहुल सांकृत्यायन.
( Just Copy - Paste )— % &-
माना है जायज़ तुम्हारा सारे बुतों से गुरेज़,
तो क्यों नहीं भला मुर्दे मज़ारों से परहेज़ ?
गजवा-ए-हिन्द मायने ख़बरें सनसनीखेज़,
सनक ने की राख़ इंसानियत की दस्तावेज़।
खता लगती नहीं तुम्हें करके कभी ख़तना,
समझते हो हलाल यूँ ज़िल्लत भरी हलाला।
दकियानूसी सोचों से सजी यूँ दिमाग़ी सेज,
क़ैद हिजाबों में सलोने चेहरे हैं बने निस्तेज।
क़ाफ़िर भी हैं इंसाँ, समझो ना तुम आखेट,
अगरचे हो रहे हो तुम भी तो यूँ मटियामेट।
पाने की ज़न्नत में बहत्तर हुर्रों के हो दीवाना,
भले बन जाए जहन्नुम आज अपना ज़माना।
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सनम ...
हम अपना
प्यार दिवस में बाँधे, ठीक नहीं,
दिनचर्या में है ये शामिल, हर पल, हर घड़ी .. बस यूँ ही ...
सनम ...
संगम अपना
व्यापक है, कोई व्यापार नहीं,
किसी एक दिवस जैसा कोई त्योहार नहीं .. बस यूँ ही ...
Happy Valentine's Day !!! (so called) ...— % &-
जो लिए 365 दिनों की
पोटली वाला उपहार,
उग आया नया कैलेंडर
आपके घर की दीवार।
मिले आप सभी को
मेरी शुभकामनाएं अपार,
भले रिते आयु हर साल,
पर बीते ना खुशियाँ आप के द्वार .. बस यूँ ही ...-
वहम पाले समझते हैं
खुद को मकान मालिक
भला क्यों ये सारे,
हैं किराएदार खुद ही
जो चंद वर्षों के,
अपनी-अपनी
ठठरी के भी बेचारे।-
प्रेमी (प्रेमिका को गले लगाते हुए) - बेबी ! तुम अक़्सर मुझे डाँटती रहती हो ना कि मैं Positive बातें कभी भी नहीं करता हूँ।
प्रेमिका (प्यार से अंदाज़ में) - मेरा सोना ! .. तो ?
प्रेमी (चहक कर) - पर आज मैं Positive बात ही करूँगा।
प्रेमिका (चौंक कर) - क्या भला ?
प्रेमी (प्रेमिका को चूमते हुए) - बेबी ... मैं RTPCR Test के मुताबिक़ Corona Positive हो गया हूँ .. बस यूँ ही ...☺
(प्रेमिका तब से Mr India बनी हुई है .. शायद ...)
😊-
रंग-ओ-सूरत से जानते हैं लोग इंसानों को जहां में,
मन फिर किसी का कोई यूँ भला परखता क्योंकर?-