सकून ताउम्र ना मिलेगा इस दिल को,,
पर अब तसल्ली मिल गयी!!-
कभी फिर लौटकर उस दर पर आयेंगे जरूर,
जो रह गयी थी बातें अधूरी उन्हें बतायेंगे जरूर!
जब भी मिलोगी तो थोड़ा हस जरूर लेना,
हम भी तुम्हें देखकर मुस्करायेंगे जरूर!!-
जीतने की ख्वाहिश वहां होती है,,
जहां हारने का डर हो...
जब हारने को कुछ बचा नहीं,,
तो ख्वाहिश किस बात की...-
कौन है मुकम्मल साथ मेरे,शिवाए इनके
ये रात, ये अंधेरा और ये शराब....
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क्या फसाना है जिंदगी तेरा भी
सौ बहारों के बीच भी,,
नजरें एक ही फूल को ढूँढती हैं..!!-
जो रह सके ताउम्र दिल में,
कहां एेसे कोई हिस्से हैं,,
हां यूं तो आने जाने वालों के
न जाने कितने किस्से हैं..!!-
मायूस आंखों को भीगकर रिसते देखा है...
कई रिश्तों को मैंने खामोशी सेे मिटते देखा है...!!-
फकत मुझे आरजू नहीं, कि मैं रहूं या कहीं मेरा जिकर आये..
दुआ करता हूँ कि महौबत का फिर से तेरी जिंदगी में इत्र आये.
बस आरजू इतनी सी है कि तलबगार न हो कोई जिस्म का..बस मेरी तरह तेरी रूह को चाहे......-
भटके हुए रास्तों की दास्तान न बन..
हर किसी की जद में हो इतना आसान न बन...!!
चलता चल मंजिल पर तू अपनी..
किसी और के रास्ते का काँटा ना बन...!!-