मान सा भी कैसे लू ,
कि तू मेरा नहीं ?
देखा तो मैने भी खुदको
तुझमे कई दफा है ।।-
कि कोई तुझपर उंगली ना उठाए, बिना पहंच... read more
लिख सा दूं तेरी यादों मे,
इतनी खास तू रही कहा ।
मैं तो लिख लिख के भूला रहा
तेरी हर आखिरी याद को ।।-
लिख सा दूं तेरी यादों मे,
इतनी खास तू रही कहा ।
मैं तो लिख लिख के भूला रहा
तेरी हर आखिरी याद को ।।-
रख भी तो नहीं पाते,
छोड़ने से भी ऐतराज हैं ।
ना जाने किस हक से मांगा था उसे,
जो कई जन्मों से हमसे नाराज है।।-
उन्हें लगता की नफरत सी है हमे उनसे,
अब कौन समझाएं उनको कि
मिलने को तो तैयार है हम भी,
पर मिलके फिर बिछड़ने को बस डर सा लगे हैं ।।-
झिझक सा जाता हूं नाम सा लिखने मे तेरे ,
की कहीं खो ना दू मैं खुदको, तेरे खयालों मे।
और एक तू है, जिसे याद सा दिलाना परता है,
हर एक अक्षर मुझे अपने नाम का।।-
याद सा नहीं है हमे भूल सा जाना तेरा ,
भूल ही तो पाते नहीं हम, याद सा आना तेरा ।।
खुस से थे जो, देख के पास सा आना तेरा...
आज डरे भी तो है पर उतने कहां?
देख के दूर सा जाना तेरा ।।-
मेरी शायरियों मे तू किसे ढुंढे रे?
मे तो तुझे ही पुकारू मेरे हर अल्फाज मे।।-
ए सुकून, और कितनी दूर है तू?
तुझे पाने को रोज मैं खुद को छोड़ता जाता हूं।।-
Never love the man in the mirror...
Hate him, screw him,
be better than him each day.
You gotta show him what u made of brother
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