Subhasree Subhasmita Dwivedi   (Subhasree Dwivedi)
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Just a mesmerized and heart dwelling wait I am❤.....
Pouring my heart down...
Joined 29 June 2019


Just a mesmerized and heart dwelling wait I am❤.....
Pouring my heart down...
Joined 29 June 2019



क्यों चाहती हूं में तुमसे रूठना की तुम जैसे मेरे जिंदगी हो।
क्यों चाहती हूं तुमको पाना की तुम जैसे मेरे बंदगी हो।
क्यों चाहती हूं तुम्हे खुश रखना की जैसे तुम मेरे हमदम हो।
क्यों चाहती हूं तुम्हारा साथ की तुम जैसे मेरे हमराही हो।
डर है हमें की तुम्हे ना खो दूं
डर है हमें की दोबारा फिर ना रो दूं
डर है की तुम चले जाओगे,
हाथ थामे मगर दूर हो जाओगे
प्यार को पहचाने अरसों हो आई
इश्क की चाहत मगर दर सब्र करा रही।


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वो पहली सी एक पहल है, जिसे सुलझाए ना सुलझे।
वो ढलते सूरज की गजल है, जिसे रोज़ सुनने को यह दिल तरसे।
वो चुपके से आने वाली हसीन रात है,जिसकी गहराई एक राज़ है।
वो थके तो हार न मानने वाला हमराही है,जिसके हाथ थामे चलना ही चाहत है।
वो आंखों में बसने वाला सपना है,जिसे देखना मेरे हक सा है।
वो खुशी देने वाला दिल का टुकड़ा है,जिसे खोना खुदगर्जी है।
वो थोड़ा रूठने वाला जज़्बाती है, जिसे मनाने में मेरी सारी दुनिया कायम है।
वो मुझमें बसे मेरे दिल सा है, जिसपे अगर वो चाहे तो मेरी पूरी जिंदगी कुर्बान है।

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इन स्याहियों से अब कुछ लिखा ना जाता
इन किताबों के पन्नो पर अब कुछ भरा ना जाता
थक चुकी हूं जैसे मानों तेरे यादों से
थक चुकी हूं जैसे तुम्हारे दिए सदमों से
ना आगे बढ़ा जाता है
ना पीछे मुड़ा जाता है
साथ हो कोई तो जैसे मानों रूह कांप जाती है अनकहे सवालों से,
क्या यह मेरा साथ देगा?
क्या यह मुझे प्यार देगा?
और अकसर जवाब इस पर आकर रुक जाती है की,
पता नहीं
और अब कोई आश भी नहीं
हाथ छूने नहीं,
हाथ थामने कभी आना तुम।
अगर इस जनम नहीं,
इंतजार है,
अगले जनम फिर मिलना तुम।

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पहेलियों सी पहेली में उलझे थे वो शाम,
पहेली सुलझ गई, पर ना सुलझा वो नाम
वो नाम जो बरसों से था दिल में कैद,
वो नाम जो सवारता था मेरे हर आशा का संदेश।
दिल को बहलाए की
खुद से अलग कर उसे ,
तभी तो आगे बढ़ पाएगी,
बढ़ गए तो पहेली फिर से उलझेगी,
उसके पूरे ना हो सके तो ,
दिल दुबारा उस मुकाम पे आके रुकेगी।

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22 NOV 2023 AT 17:42

दर्द तो आज फिर से हुआ
तुमसे बात ना कर पाने का।
दर्द तो आज फिर भी हुआ
तुम्हे न भुला पाने का।
दर्द हुआ की काश में आगे बढ़ पाती,
की काश में तुमसे खुद को अलग कर पाती,
की काश आज जिंदगी यूं खाली न होती,
की काश तुम मेरे होते और में तुम्हारी होती।

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18 OCT 2023 AT 21:48

तुम यूं ना चलना की हमारा साथ छूट जाए
तुम यूं ना ढलना की तुम्हे पाने की आश टूट जाए
तुम यूं ना बदलना की हम बदलाव ही छोड़ दें
तुम यूं ना खोना की हम ढूंढते ही रह जाए
तुम्हारी बाहों में ढलना है मुझे
तुम्हारी हाथों की लकीरें बनना है मुझे
कभी मेरे आंखों में देखो तो वहां तुम बसे हो
मेरी नज़रें पढ़ो तो वहां तुम ही तुम हो।

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26 AUG 2023 AT 0:53

तुम्हें मैं बारिश की गिरते बूंदों के ओझल से देखती रह गई,
तुम्हें मैं बरसात में छाए कोहरे से ढूंढ लाइ,
तुम्हें मैं भीगे फूलों की खुशबू से पहचान गई,
तुम्हें मैं दूर गरजते बादलों से सुन पाई,
सामने थे तुम मेरे ,बहुत करीब
सरमाई नजरें मेरी ना तुम्हें देख पाई
पता नहीं क्या क्या बोल रही थी तुम्हारी आंखें
पता नहीं क्या नशा सा था उस पल में
देखते रह गए तुम मुझे कुछ इस कदर की
आज उस दिन को याद कर फिरसे
मेरी आंखें नम हो आई।

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21 JUL 2023 AT 23:52

इन पहेलियों में उलझती रह गई,
आज जिंदगी से कुछ यूं उदास हो गई,
इन धड़कनों में तुम्हे सवारती रह गई,
आज तुम बहुत याद आए तो कुछ यूं गुनगुनाती रह गई।
दूर हूं पर पास नहीं,
प्यार हूं पर आश नहीं,
साथ हूं पर तुम्हारे नहीं,
दिल बहलाती हूं पर तुमसे नहीं।

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8 NOV 2022 AT 23:51

Ever heard the memories crying?
Ever heard the memories laughing?
Ever heard the memories?
No.Never.
Memories are as silent as they can be.
Memories are as strong as they are.
Memories are as beautiful as they were when felt.
Memories are as clear as a serene feeling.
Memories are as pure as they were always.
Memories are a plea to live.
Memories are a plea to love,still.

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18 OCT 2022 AT 0:21

Woh dave paon aa rahi hai...
Apne aane ka ahsaas woh kuch iss tarah de rahi ki,
Subah ki roshni ke saath uske thande haath chehre pe mehsoos ho rahe.
Dopahar ki dhoop jaise maano seham rahi ho uske aane se.
Saam dhale ek halka hawa ka jhonka bhi uske aane ka jashn mana rahi hai.
Raat ke kale aasman bhi door se safed chadar mein dhake nazar aa rahe.
Woh dave paon aa rahi hai...
Ek gehre saans ke saath hi yeh mausam shardi ki unn osh ki boondon ko mehsoos kar rahi hai.
Aur dheere dheere thand ki uss haseen dinon ko aa jane ka amantran de rahi hai.
Woh dave paon aa rahi hai...

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